Home Entertaining वो बारिश में बाहर निकलता था

वो बारिश में बाहर निकलता था

by Atul A

वो बारिशों में बाहर निकलता था

दिख ना जाएँ दिल का दर्द, जो आंखो से छलकता था,
इन आंखो की मासूमियत के जाहिर होने से डरता था,
सो वो बारिश में बाहर निकलता था।

चलता था, थकता था, रुकता था, फिर से वो चलता था,
गैरों की इस भीड़ में वो अपनों के मिल जाने से डरता था

भीड़ में, और बीहड़ों में, जंगलों में, और पहाड़ों में,
रहता था वो बहारों में यूँ, जैसे रहता हो विरानों में।

सोता नहीं था, क्यूंकी वो सपनों से डरता था,
पसंद न था जो सब कुछ उसे, वही सब वो करता था

दिल की ख़्वाहिशों को फैलाकर, और दिमाग की सब उलझने समेट,
ढोते हुए ये वजन भारी, जाना कहाँ था, और रास्ता क्या था,
इन सबको साथ ले वो, चलता था, थकता था, रुकता था, फिर से वो चलता था।
यही हासिल था उसका और था यही अंजाम भी।
मिलना था उसे कम लोगों से, इसलिए वो बारिशों में बाहर निकलता था

[ad id=’11174′]

You may also like

Leave a Comment

-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00