poem what lost what you found (1)

क्या खोया क्या पाया (कविता, स्मिता पाल)

0
क्या खोया क्या पाया, हिसाब ये किसने है लगाया? जो भी मिल गया इस सफर में, उसे हम ने पूरे दिल से अपनाया। किसी के कड़वे बोल ने, दिल...
New Year celebration

आओ नूतन वर्ष मनाएं (कविता)

0
आओ नूतन वर्ष मनाएं दस्तक देने लगा द्वार पर फिर से नूतन वर्ष कुछ करें नया ऐसा कि सबका हो उत्कर्ष आओ नई उमंगें जगाएं आशाओं के बंदनवारों को मन देहरी...
year end

पीर ये पहाड़ सी (कविता)

0
बरस फिर गुज़र गया तिमिर खड़ा रह गया उजास की आस थी निराश क्यों कर गया शहर शहर पसर गया साँस साँस खा गया कोविड का साल ये जहर जहर दे...
farmer

आखिर क्यों ??? किसानों पर रचित कविता : निर्मला जोशी

0
बहुत भारी पड़ेगा तुम्हे किसानों के दिल से खेलना आये दिन उनके नाम पर सियासत करना ये न भूलना कभी भी कि तुम्हारी थाली में जो रोटी है वो मेरे अन्नदाता...