year end

पीर ये पहाड़ सी (कविता)

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बरस फिर गुज़र गया तिमिर खड़ा रह गया उजास की आस थी निराश क्यों कर गया शहर शहर पसर गया साँस साँस खा गया कोविड का साल ये जहर जहर दे...
New Year celebration

आओ नूतन वर्ष मनाएं (कविता)

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आओ नूतन वर्ष मनाएं दस्तक देने लगा द्वार पर फिर से नूतन वर्ष कुछ करें नया ऐसा कि सबका हो उत्कर्ष आओ नई उमंगें जगाएं आशाओं के बंदनवारों को मन देहरी...
tear poem by rohit joshi

आसुओं को बया नही कर सकता (कविता )

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आंसुओं को बंया कर नही सकता, आंसुओं को कहने का नहीं मैं वक्ता, आंसुओं का मोल नहीं गिन सकता, आंसुओं की गिनती नहीं कर सकता, प्रेम...