Home Poem आओ नूतन वर्ष मनाएं (कविता)

आओ नूतन वर्ष मनाएं (कविता)

by Nirmala Joshi
New Year celebration

आओ नूतन वर्ष मनाएं
दस्तक देने लगा द्वार पर
फिर से नूतन वर्ष
कुछ करें नया ऐसा
कि सबका हो उत्कर्ष
आओ नई उमंगें जगाएं
आशाओं के बंदनवारों को
मन देहरी के द्वार सजाएं
दिल के केनवास पर
नये उछाह के रंगों से
फिर से एक रंगोली बनाएं

सज उठें नई तस्वीरें फिर से
बोलें सब खुशियों की बोली
हम सब फिर फिर उठें
कोरोना से लड़ने को
संग संग जुटे
बीते कोरोना बरस का अब
कोई घाव हरा न रह जाए

भूल कर सारी दुश्वारियां
विश्वास नया जगमगाए
उम्मीदों का एक नया सूरज
फिर से अपने आँगन में उतारें
फैला दें उसकी किरणें
उस उस घर तक हम
जहां तलक फन फैलाये

खड़ा था वो तक्षक कोरोना
फैलाएं यह संदेश उन तक
कहें उनसे डरो ना, डरो ना
आओ उस उस घर तक हम
आशा का अमृत पहुंचाए
इस नए वर्ष में
कुछ नया कर जाएं
आओ नूतन वर्ष मनाएं।
आओ नूतन वर्ष मनाएं।

– निर्मला जोशी’ निर्मल’

You may also like

Leave a Comment

-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00