jageshwar dham almora

जागेश्वर धाम अल्मोड़ा

Uttarakhand उत्तराखंड के Almora अल्मोड़ा जिले में स्थित है –  Jageshwar Group of Temples जागेश्वर मंदिर समूह, भगवान शिव को समर्पित, 100 से अधिक पाषाण निर्मित मंदिरों का एक समूह है,  जो वर्तमान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत संरक्षित एक विरासत स्थल हैं। मंदिर परिसर में 125 मंदिर 174 मूर्तियां हैं, जिनमें भगवान…

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क्या जोशीमठ में आयी आपदा के बारे में इतिहास में पहले से ही लिखा जा चुका था

जोशीमठ में आयी आपदा के बारे में इतिहास में पहले से ही लिखा जा चुका था, इसका जवाब है हाँ इतिहास के पन्नों में जोशीमठ के भविष्य के बारे में पहले से ही लिखा जा चुका था, आईये इसको विस्तार से बताते हैं। जोशीमठ  जोशीमठ एक पवित्र शहर है, जो उत्तराखंड के चमोली जिले में…

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बेहद रहस्‍यमयी है ‘महिला नागा साधुओं’ की दुनिया, जानिए कैसे बनते हैं नागा साधु और महिला नागा साधु

नागा साधु: नागा का इतिहास बहुत पुराना है। नागा साधुओं को पशुपतिनाथ रूप में भगवान शिव की पूजा करते हुए दिखाया गया है। कुंभ मेला नागा बाबाओं के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि यह एकमात्र समय है जब वे हिमालय से नीचे आते हैं। कुंभ वह समय भी है जब साधुओं का दीक्षा समारोह…

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Nanakmatta Gurudwara (नानकमत्ता गुरुद्वारा)

नानकमत्ता गुरुद्वारा उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में खटीमा और सितारगंज के बीच खटीमा से 16 km और सितारगंज से 12 किमी0 की दूरी पर स्थित है। जो कि सिखों का पवित्र व ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। यहाँ हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह गुरुद्वारा उत्तराखण्ड में स्थित…

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माता पूर्णागिरी का इतिहास

पूर्णागिरि मंदिर उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले के टनकपुर नगर में काली नदी, जिसे शारदा नदी भी कहते हैं, के दाएं किनारे पर स्थित है। चीन, नेपाल और तिब्बत की सीमाओं से घिरे चम्पावत जिले के प्रवेशद्वार टनकपुर से 19 किलोमीटर दूर स्थित यह शक्तिपीठ माँ भगवती की 108 सिद्धपीठों में से एक है। यह…

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Baba Neem Karoli Kainchi Dham

जानिए नीम करोली बाबा से जुड़े कुछ तथ्य?

उत्तराखंड में हिमालय की तलहटी में बसा एक छोटा सा आश्रम है जिसका नाम है-नीम करोली बाबा आश्रम। इस मंदिर का हर एक कोना इतना साफ सुथरा है और साथ ही यहा के आंगन और चारों ओर से रसीली हरियाली के साथ, आश्रम एक शांत और एकांत विश्राम के लिए एकदम सही जगह है। यहाँ…

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Kearnath Temple

केदारनाथ – पैदल यात्रा के अनुभव

यों तो इस जगह को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। उत्तराखंड के चार धामों में सबसे दुर्गम जगह पर बना यह धाम अपने आप में सम्पूर्ण है। यकीन मानिये अगर आपने यह धाम देख लिया तो दुनिया का कोई भी धाम और मंदिर आपको रास नहीं आयेगा। लगभग 3593 मीटर की ऊँचाई पर हिमालय…

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हल्द्वानी में स्थित कालीचौड़ मंदिर का इतिहास।

कालीचौड़ गौलापार में स्थित काली माता का प्रसिद्ध मंदिर हैं। यह मंदिर काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 4 किमी की दूरी पर कालीचौड़ मंदिर स्थित हैं। इसके लिए काठगोदाम गौलापार रास्ते पर खेड़ा सुल्तानपुरी से एक पैदल रास्ता जाता है। खेड़ा सुल्तानपुरी से कुछ देर चलने के बाद जंगल और पहाड़ों से निकली छोटी छोटी झीलों…

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tungnath

राष्ट्रीय महत्व की विरासत के रूप में संरक्षित होगा दुनिया का सबसे ऊंचा शिवालय तुंगनाथ

विश्व के सबसे ऊंचे शिवालय तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के प्राचीन मंदिर को राष्ट्रीय महत्व की विरासत के रूप में संरक्षित किया जाएगा। अगले वर्ष से मंदिर के सभामंडप के संरक्षण का कार्य शुरू होगा। मंदिर व परिसर के संरक्षण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।…

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Shri Kedarnath Dham

मिल गई स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन की अनुमति

केदारनाथ यात्रा करने वाले श्रद्धालु अब स्वयंभू शिवलिंग के दर्शनकर पाएंगे। क्योंकि अब गर्भ ग्रह में विराजमान स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन की अनुमति श्रद्धालुओं को चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की तरफ से मिल चुकी है। हालांकि गर्भग्रह में विराजमान स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को गर्भग्रह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं…

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देवभूमि में विराजमान वैष्णव शक्तिपीठ : दूनागिरी मंदिर

अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट क्षेत्र में स्थित द्रोणागिरी वैष्णवी शक्तिपीठ को, वैष्णो देवी के बाद दूसरा वैष्णवी शक्तिपीठ माना जाता है। दूनागिरी माता का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। दूनागिरी मंदिर द्वाराहाट क्षेत्र से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दूनागिरी मंदिर द्रोणा पर्वत की चोटी पर स्थित है।…

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गुरुद्वारा रीठा साहिब

रीठा साहिब चंपावत : जहाँ गुरुनानक देव जी आये थे

उत्तराखंड के चम्पावत जिले में स्थित, समुद्र तल से लगभग 7,000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित, रीठा साहिब नामक स्थान, श्री गुरू नानक देव जी तथा उनके अभिन्न साथी मरदाना जी की ऐतिहासक याद से जुड़ा हुआ प्रसिद्द स्थान है। इस जिले की सीमांए उधम सिंह नगर तथा नैनीताल जिले से लगती है।   रीठा साहिब…

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हाट कालिका मंदिर, गंगोलीहाट

इस लेख में गंगोलीहाट हाट कालिका मंदिर से जुड़ी सम्पूर्ण और रोचक जानकारियाँ,  माँ कालिका मंदिर, घिरा है खूबसूरत देवदार के वृक्षों से। इस सुविख्यात मंदिर में स्थानीय लोगो के अलावा दूर- दूर से श्रद्धालु माँ काली के दर्शन को आते हैं, और मनोकामनाओं की सिद्धि के साथ साथ यहाँ आध्यात्मिक शांति पाते हैं। माँ…

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chardham uttarakhand

उत्तराखंड चार धाम यात्रा/ दर्शन

उत्तराखंड चारधाम दर्शन के लिए श्रद्धालु, अपने जीवन में कम से कम एक बार तो आना ही चाहते हैं। इन दिनों इन धामों के कपाट खुलें हैं परन्तु इस बार लॉकडाउन के कारण, यात्रा कुछ प्रतिबंधों और नियमों के साथ चल रही है। 9 जून को जारी यात्रा दिशानिर्देशों के अनुसार, बदरीनाथ के लिए एक दिन…

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प्राचीन और देश का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर – “कटारमल सूर्य मंदिर”

आज हम एक ऐसे प्राचीन धार्मिक स्थल की बात करने जा रहे हैं, जो देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के कटारमल नामक स्थान पर स्थित है। यह मंदिर भगवान सूर्य देव को समर्पित ‘कटारमल सूर्य मंदिर’ है। कोणार्क सूर्य मंदिर (उड़ीसा) के बाद कटारमल सूर्य मंदिर, सूर्य देव को समर्पित प्राचीन और देश का दूसरा…

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kasar devi temple almora

ऊर्जा का केंद्र – कसारदेवी शक्तिपीठ

देवभूमि उत्तराखंड में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनका ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व तो है ही, साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है। आज हम ऐसे धार्मिक स्थल की बात करने जा रहे हैं, जो  वैज्ञानिकों के लिए आज भी अनसुलझी पहेली और रहस्य बना हुआ है। यह धार्मिक स्थल उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले की पहाड़ियों में…

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