राष्ट्रीय महत्व की विरासत के रूप में संरक्षित होगा दुनिया का सबसे ऊंचा शिवालय तुंगनाथ

by Suchita Vishavkarma
0 views


tungnath

विश्व के सबसे ऊंचे शिवालय तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के प्राचीन मंदिर को राष्ट्रीय महत्व की विरासत के रूप में संरक्षित किया जाएगा। अगले वर्ष से मंदिर के सभामंडप के संरक्षण का कार्य शुरू होगा। मंदिर व परिसर के संरक्षण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

वर्ष 1991-99 में आए भूकंप व समय-समय क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के कारण मंदिर की स्थिति दयनीय बनी है। सभामंडप की दीवारों पर जगह-जगह दरारें पड़ी हैं, जो कभी भी बड़े खतरे का कारण बन सकती है। अब राज्य सरकार ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग को मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है

निरीक्षण करते हुए अधिकारियों ने पाया कि मंदिर के सभामंडप की स्थिति दयनीय है। विभाग द्वारा मंदिर को सुरक्षित व संरक्षित कर राष्ट्रीय महत्व की विरासत के रूप में मंदिर के संरक्षण की योजना तैयार की गई।

अप्रैल 2021 में प्राचीन मंदिर के सभामंडप को सुरक्षित करने का कार्य शुरू किया जाएगा। सभामंडप की पुरानी दीवारों को खोलकर कत्यूरी शैली में नव निर्माण कर सुरक्षित व संरक्षित किया जाएगा। साथ ही संपूर्ण मंदिर व परिसर की सुरक्षा व जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेज दिया है।

एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा तृतीय केदार में बीते एक वर्ष से यात्री सुविधा से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। साथ ही मंदिर के नीचे की तरफ सुरक्षा दीवार का निर्माण भी किया जा रहा है। एडीबी द्वारा मंदिर परिसर में कडप्पा पत्थर भी बिछाया गया है। इसके अलावा आकाश कुंड को भी संरक्षित किया जा रहा है।

अप्रैल 2021 में इसकी मरम्मत की जाएगी। तृतीय केदार को राष्ट्रीय महत्व की विरासत के रूप में संरक्षित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया गया है। सभी औपचारिकताएं पूरी होने में लगभग डेढ़ वर्ष का समय लगेगा।-

डा. आरके पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद्, देहरादून मंडल



Related Articles

Leave a Reply

error:
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00
%d bloggers like this:

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.