सहस्त्रधारा : गुरु द्रोणाचार्य ने जहां तपस्या की थी, यहाँ का जल त्वचा संबंधी रोगों को दूर करता है।

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Sahatradhara Dehradun
Sahatradhara Dehradun

सहस्त्रधारा एक खूबसूरत और लोकप्रिय स्थान जो उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से लगभग 16 किलोमीटर की दुरी पर  राजपुर गांव के पास जंगलों के बीच स्थित है। हमारे सफ़र की शुरुवात हुई, सुबह लगभग 8 बजे। सुबह का वक़्त हमने इसलिए चुना ताकि हमे कम ट्रैफिक का सामना करना पड़े। देहरादून से १६ किलीमीटर की दुरी पर स्थित सहस्त्रधारा तक पहुचने में हमे लगभग 50 मिनट लगे, कुछ दुरी तक सीधा रास्ता होने के बाद पहाड़ी घुमावदार सड़क शुरू हो जाती है।

यहाँ स्थित, पहाड़ों से गिरने वाली धाराओं के सेकड़ों समूहों की वजह से इस स्थान को सहस्त्रधारा के नाम से जाना जाता है। यह स्थान रोमांच, आध्यात्म और सुंदरता से भरपूर है। पर्यटक आकर्षण के इस केंद्र में, हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग यहाँ आते हैं। पहाड़ी के अन्दर प्राकृतिक रूप से तराशी हुई कई छोटी छोटी ग़ुफाएँ हैं जो बाहर से तो स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती किंतु इनमें जब प्रवेश करते हैं तो उनकी छत से अविरल रिमझिम बारिश की बौछारों की तरह पानी टपकता  रहता है।

यहां गुफा और एक प्राचीन शिव मंदिर भी है। कहते हैं कि गुरू द्रोणाचार्य ने यहां पर तपस्या की थी। गर्मी से परेशान होकर उन्होने भगवान शिव से एक आशीर्वाद प्राप्त किया, कि यहां हमेशा पानी टपकता रहे, और तब से लगातार पानी टपक रहा है।  गुफा के भीतर भी गंधक युक्त पानी रिमझिम फुहारों की रूप में गुफा की छत से टपकता रहता है। यहां स्थित गंधक झरना त्वचा सम्बंधित बीमारियों की चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध है।

खाने-पीने और अन्य तरह की चीजें उपलब्ध कराती कुछ दुकानों के होने से, यह जगह पिकनिक के लिहाज से बेहद उपयुक्त है। यहाँ कुछ हस्तकला (Handicraft) की चीजों की दुकानें भी है। यहां पर एक बौद्ध मंदिर भी है।

यहाँ से कुछ उचाई लगभग तीन हजार की उचाई पर स्थित एक अन्य आकर्षण का स्थान मणिदीप है, जहाँ तक पहुचने के लिए आप रोपवे द्वारा जा सकते हैं, ये आप के सहस्त्रधारा यात्रा को और निश्चित ही और भी यादगार बना देगा।

इस स्थान की विस्तार से जानकारी पाने के लिए आप ये ? विडियो भी देख सकते हैं।

 


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