प्राचीन और देश का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर – “कटारमल सूर्य मंदिर”

by Vikram S. Bisht
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आज हम एक ऐसे प्राचीन धार्मिक स्थल की बात करने जा रहे हैं, जो देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के कटारमल नामक स्थान पर स्थित है। यह मंदिर भगवान सूर्य देव को समर्पित ‘कटारमल सूर्य मंदिर’ है।

कोणार्क सूर्य मंदिर (उड़ीसा) के बाद कटारमल सूर्य मंदिर, सूर्य देव को समर्पित प्राचीन और देश का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है।

कटारमल सूर्य मंदिर ‘बड़ादित्य’ नाम से प्रसिद्ध है। मंदिर में प्रमुख मूर्ति बूटधारी आदित्य (सूर्यदेव) की है। सूर्य देव की मूर्तियों के अलावा भगवान शिव, भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान विष्णु के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमायें हैं। मुख्य मंदिर के आसपास छोटे-छोटे 45 मंदिरों के समूह है।

अल्मोड़ा शहर से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी में स्थित, यह मंदिर जिले का प्रमुख धार्मिक पर्यटक स्थल है। सूर्य मंदिर अपने आप में इतिहास और वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना है। यहां दीवारों, स्तम्भों और दरवाजों पर बेहद जटिल नक्काशी और काष्ठ कला का परिचय दिया गया है। मंदिर के इतिहास को देख भारतीय पुरातत्व विभाग ने सूर्य मंदिर को संरक्षित स्मारक घोषित किया है।

मंदिर के निर्माण के समय को लेकर सभी सलाहकार एकमत नहीं है। कुछ सलाहकार मानते हैं कि, मंदिर का निर्माण 9वीं या 11वीं शताब्दी में हुआ। तो कुछ जानकार मंदिर का निर्माण छठी से नवीं शताब्दी बताते हैं। वही पुरातत्व विभाग मंदिर के अभिलेखों का अध्ययन कर मानता है, मंदिर का निर्माण तेरहवीं सदी में हुआ।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है, कि सतयुग में उत्तराखंड में ऋषि-मुनियों पर एक असुर का अत्याचार बढ़ गया था। इसी को देख द्रोणागिरी, कषायपर्वत व कंजार पर्वत के ऋषि-मुनियों ने कौशिकी नदी (आज के समय में कोसी नदी) के तट पर सूर्य देव की आराधना करी। आराधना से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने अपने दिव्य तेज़ को एक वटशिला में स्थापित किया। उसी वटशिला पर सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया गया।

सूर्य मंदिर का मुख पूर्व दिशा की ओर है। मंदिर का निर्माण कुछ इस तरह करवाया गया ,है कि सूर्य की पहली किरण मंदिर में रखे शिवलिंग पर पड़ती है।

10वीं शताब्दी में यहाँ से देवी की मूर्ति चोरी हो गई थी। जिसके बाद मंदिर के नक्काशीयुक्त दरवाजे और चौखटों को दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय में रख दिया गया था।

मंदिर देवदार के पेड़ों के बीच बसा हुआ है। यहां से सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की खूबसूरती का लुफ्त उठाया जा सकता है।

देखिये, मंदिर की जानकारी देता रोचक विडियो ?


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2 comments

B S Bisht September 1, 2020 - 5:38 pm

??

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Neeraj Bhojak September 3, 2020 - 11:31 pm

Bahut khub

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