उत्तराखंड राज्य की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सोमवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में प्रदेश सरकार के विकास का रोडमैप रखा। अपने अभिभाषण में उन्होने बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के अतिरिक्त पर्यटन क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की बात की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास कार्यों को पूर्ण करने हेतु प्रदेश सरकार अपनी पुरानी योजनाओं को जारी रखेगी।
बिजली सुधारों के कार्यों को जारी रखते हुए उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार राज्य वासियों को 24 घंटे बिजली देने का हर संभव प्रयास करेगी। रोजगार के मोर्चे पर सरकार का भरोसा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की साथ साथ अन्य योजनाओं पर भी रहेगा। इसके साथ ही लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत 5328 रिक्त पदों को भरने का जिक्र भी किया। विपक्ष की गैरमौजूदगी में करीब 43 मिनट के भाषण में राज्यपाल ने पर्यटन, रोजगार, कृषि, बागवानी, वन, शहरी विकास, पेयजल, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित बुनियादी विकास पर सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया।
राज्यपाल के अभिभाषण में पर्यटन क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई। रोजगार की भारी संभावनाओं वाले इस क्षेत्र में कोविड के कारण भारी नुकसान हुआ। छूट और अन्य राहतों के जरिये नुकसान की भरपाई का इरादा जताया गया। जलजीवन मिशन का जिक्र करते हुए उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने की बात कही। 15वें वित्त आयोग से मिले 8803 करोड़ रुपये के उपयोग पर फोकस दिखाई दिया। उन्होने कहा कि पलायन को रोकने के लिए सरकार होम स्टे को प्रथिमिकता देगी रही है। अब तक होम स्टे विकास योजना के अंतर्गत 2551 होम स्टे रजिस्टर हो चुके हैं। उन्होंने संकेत किया कि ग्रोथ सेंटर स्वरोजगार के प्रभावी माध्यम बन सकते हैं।
कोविड के बाद से ही ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में अधिक सुधार लाए जाने पर सरकार का जोर है। राज्यपाल ने इन सबके आधार पर रोडमैप बनाकर काम करने की दिशा में आगे बढ़ने का संकेत दिया। गांवों के विकास में 15 वें वित्त आयोग के तहत राज्यपाल ने कृषि कानून सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखंड में किसानों को अपनी उपज कहीं भी विक्रय करने की आजादी दी गई है। बागवानी मिशन, किसानों की आय बढ़ाने आदि में किए गए काम राज्यपाल ने लेखा जोखा सामने रखा।
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जमरानी और सौंग बांध, सहित पिथौरागढ़, लोहाघाट, रानीखेत में झील व जलाशय परियोजना का जिक्र राज्यपाल ने किया। उन्होंने ग्रामीण आवास से लेकर खेतों की सिंचाई तक बुनियादी विकास के लिए जारी केंद्रीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने दोनों आयोगों व विभागों में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। इसमें सबसे अधिक फोकस मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर रहा।
राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) के रोडमैप के बारे में जिक्र नहीं था। केवल राज्य सचिवालय भवन का उल्लेख था। स्थायी राजधानी पर सरकार ने दृष्टिकोण स्पष्ट नहीं किया। राजधानी क्षेत्र के विकास के बारे में भी कोई जानकारी सामने नहीं आई। यह भी साफ नहीं किया कि देहरादून में सरकार राजधानी के विकास को किस तरह से आगे बढ़ा रही है। हाल में भी घाटी चमोली आपदा का अभिभाषण में जिक्र नहीं था। आपदा प्रबंधन को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता, उपलब्धि और आगे का रोडमैप सामने नहीं रखा गया।
पिछले कुछ समय में चमोली आपदा से लेकर जलवायु परिवर्तन पर अधिक बात हुई है। लेकिन अभिभाषण में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए नए रोडमैप का कोई जिक्र नहीं है। चुनावी वर्ष में महंगाई बहुत बड़ा मुद्दा है। विपक्ष इसे लेकर काफी आक्रामक भी है। अभिभाषण में महंगाई पर नियंत्रण के लिए स्थानीय स्तर पर किए जाने वाले प्रयासों का जिक्र भी नहीं है। सरकार आठ मार्च को बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है, खेल और युवा में राज्यपाल के अभिभाषण में बात हुई है।
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