Uttarakhand: बालेश्वर मंदिर क्यों प्रसिद्ध है इतना, जहां शिवरात्रि पर लाखो लोग जाना पसंद करते हैं

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बालेश्वर मंदिर कहां पर स्थित है

उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत नगर में स्थित बालेश्वर मंदिर एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है जो कि भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के चंपवाट शहर में स्थित है। इस मंदिर को बलेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। बालेश्वर मंदिर के परिसर में दो अन्य मंदिर भी है, एक “रत्नेश्वर” को समर्पित है और दूसरा मंदिर “चम्पावती दुर्गा” को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान शिव के छोटे-बड़े शिव लिंग स्थापित है। बालेश्वर मंदिर अपनी अद्भुत नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।

बालेश्वर मंदिर का निर्माण

ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 10वीं और 12वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था। इस मंदिर का निर्माण कार्य चांद राजवंश के शासकों द्वारा किया गया था। मंदिर की दीवारों पर अगल-अलग मानवों की मुद्राएं, देवी देवताओं की सुंदर मूर्तियां बनाई गई हैं। यही मूर्तियों इस मंदिर का मुख्य आकषर्ण है। माना जाता है कि इसका निर्माण 12वीं शताब्दी ईस्वी (1390 ईस्वी) में गरुड़ ज्ञान चंद ने करवाया था,

कहा जाता है कि कभी इस स्थान पर जंगल ही जंगल हुआ करता था. उस समय गांव के लोग अपने जानवरों को इस स्थान पर चराने के लिए लाया करते थे. इसी बीच एक गाय मालिक की गाय ने दूध देना बंद कर दिया. जिसकी खोजबीन के लिए वो जंगल आया और उसने ऐसा चमत्कार देखा कि वो हैरान हो गया. कहा जाता है कि उस गाय मालिक को ही भगवान शिव ने स्वप्न में शिवलिंग की मौजूदगी का अहसास कराया था, जिसके बाद यहां मंदिर का निर्माण हुआ,

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घूमता है मंदिर के गुंबद का त्रिशूल

कहा जाता है कि बालेश्वर मंदिर के ऊपर गुम्मद पर लगा त्रिशूल दिनभर सूर्य की गति के साथ साथ अपने स्थान पर घूमता है. दूर दूर तक इस मंदिर की बहुत मान्यता है. लोग यहां आकर महादेव के दर्शन करते हैं और उनसे मन की मुराद पूरी करने की कामना करते है।

नववर्ष पर निकाली जाती है विशाल यात्रा

क्षेत्र के लोग जनवरी में नए साल की शुरुआत बाबा बालेश्वर महाराज के दर्शन के बाद ही करते हैं. 1 जनवरी को यहां विशाल यात्रा निकाली जाती है. इसके लिए सबसे पहले लोग लालगंज के भैरों मंदिर पहुंचते है और फिर वहां से यात्रा की शुरुआत करते हैं. यात्रा मे जा रहे लोगों के लिए जगह जगह भंडारे का आयोजन भी किया जाता है. वहीं मंदिर परिसर मे भी भंडारे का आयोजन किया जाता है।

सावन और महाशिवरात्रि पर लगता है विशाल मेला

सावन और महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर परिसर में विशाल मेला लगता है, जिसमें क्षेत्र के अलावा दूर-दूर से लोग आते हैं और महादेव की पूजा अर्चना करते हैं. इस बीच यहां भारी भीड़ जुटती है और सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए जाते हैं।

कैसे पहुंचे बालेश्वर मंदिर 

बालेश्वर मंदिर चम्पावत पहुंचने के लिए आपको चम्पावत पहुंचना होता है, आप टनकपुर होते हुवे चम्पावत पहुंच सकते है.रेल मार्ग से आ रहे है तो नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है. टनकपुर से आप सरकारी बस, टेक्सी या फिर अपने वाहन से रोड के रस्ते चम्पावत पहुंच सकते हैं,
हवाई मार्ग नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर मैं स्थित है, जो चंपावत से लगभग 167 किलोमीटर दूर है पंतनगर से बस, टैक्सी या फिर निजी वाहन से यात्रा कर सकते हैं।

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