हल्द्वानी। शहर में तमाम इलाकों में सीवर लाइनें नहीं बिछने से सीवर निस्तारण की समस्या बनी हुई है। लोगों के सैप्टिक टैंकों में मल कीचड़ (फीकल स्लज) एकत्रित रहता है। सैप्टिक टैंक भर जाने पर इसे निस्तारित कराने की बड़ी समस्या रहती है। लोगों को ऊंचे दामों पर या मनमाने मूल्य पर घरों के सैप्टिक टैंक खाली कराने पड़ते हैं। नगर निगम ने शहरवासियों की इस समस्या को दूर करने की तैयारी शुरू कर दी है। शहर में जल्द ही मल कीचड़ प्रबंधन तंत्र (फीकल स्लज मैनेजमेंट) तैयार होने जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन को बल देने के लिए हल्द्वानी नगर निगम की ओर से भी विशेष पहल शुरू कर दी गई है। निगम सूत्रों के मुताबिक शहर का लगातार विस्तार हो रहा है। बड़ी संख्या में भवनों का निर्माण हो रहा है। आधे से अधिक शहर में अभी सीवरेज का कोई सिस्टम नहीं है। नगर निगम मल कीचड़ प्रबंधन तंत्र तैयार करने जा रहा है। इसके तहत जीपीएस लगे डिस्लजिंग वाहनों से घरों के सैप्टिक टैंक से कचरा उठाकर सीवेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) में भेजा जाएगा। इसकी डीपीआर बनाने का जिम्मा जलनिगम को सौंपा गया है।
नगर निगम जल्द फीकल स्लज मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित करने जा रहा है। मैंने जलनिगम को इसकी डीपीआर तैयार करने को कहा है। जगह का चयन कर लिया गया है। डीपीआर मिलते ही इसे मंजूर कराया जाएगा। इसके साथ ही हर घर के सैप्टिक टैंक से कचरा उठाने वाले वाहनों का पंजीकरण कराया जाएगा और उन पर जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा ताकि घरों के सैप्टिक टैंक से उठाया गया कचरा तैयार फीकल स्लज मैनेजमेंट सिस्टम तक पहुंचे। इसके बन जाने से शहरवासियों की बड़ी समस्या दूर हो जाएगा। – डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला, मेयर नगर निगम।
जिलास्तरीय बैठक में मेयर की ओर से फीकल स्लज की डीपीआर तैयार करने को कहा गया है। डीपीआर बनाने की तैयारी चल रही है। जल्द ही फीकल स्लज मैनेजमेंट सिस्टम की डीपीआर नगर निगम प्रबंधन को दे दी जाएगी।
– एके कटारिया, ईई जलनिगम हल्द्वानी।