ऊर्जा विभाग ने “मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना” की गाइड लाइन जारी कर दी है। एक प्रोजेक्ट पर लगभग दस लाख का खर्चा आएगा। प्रोजेक्ट लगाने वाले व्यक्ति को सात लाख रुपये तक की सीमा का लोन सहकारिता विभाग से मिलेगा, जबकि डेढ़ से ढाई लाख रुपये उद्योग विभाग MSME पॉलिसी के तहत मार्जिन मनी के रूप में देगा। अगर कोई व्यक्ति पर्वतीय जिलों में प्लांट लगाता है, तो सीधे-सीधे तीन लाख रुपये तक की राहत मिलेगी। CM त्रिवेंद्र रावत का अनुमोदन मिलने के बाद मंगलवार को योजना की गाइड लाइन जारी की गई है।
मुख्य बिंदु
10 लाख का सोलर प्लांट लगाने को आपके पास होने चाहिए डेढ़ से ढाई लाख रुपये
परियोजना लागत का 70 फीसदी लोन बैंक से 8% पर मिलेगा ब्याज
15 वर्ष के लिए मिलेगा लोन, कम हो जाएगी EMI
7% स्टाम्प डयूटी भी माफ, पहाड़ में 25% से 30% मार्जिन मनी भी मिलेगी
पर्वतीय जिलों में इस योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार किए जाने की तैयारी है। प्रोजेक्ट के लिए बैंक से लोन लेने के दौरान सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी भी माफ की गई। इससे लाभार्थी को सीधे 49 हजार रुपये का अलग से लाभ होगा। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ, प्रोजेक्ट मंजूर होते ही बैंक में एमएसएमई विभाग से मिलने वाली मार्जिन मनी है। जो सीमांत जिलों में यह अनुदान 30%, पर्वतीय क्षेत्रों में 25 प्रतिशत के रूप में ढाई लाख, अन्य पहाड़ी जिलों में 20 प्रतिशत के रूप में दो लाख, और मैदानी क्षेत्रों में 15% के रूप में डेढ़ लाख रुपये तक मिलेगी।
न्यूनतम 300 वर्ग मीटर चाहिए जमीन: एक प्रोजेक्ट के लिए करीब डेढ़ से दो नाली (300 वर्ग मीटर) चाहिए होगी। प्रोजेक्ट की 63 केवीए के ट्रांसफर से पहाड़ों में 300 मीटर हवाई दूरी और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर दूरी होनी चाहिए। यूपीसीएल के राज्य में मौजूद 25 हजार ट्रांसफार्मर से प्रोजेक्ट जुड़ेंगे। 25 किलोवॉट के प्रोजेक्ट से सालाना 38 हजार यूनिट बिजली पैदा होगी। इस बिजली की खरीद को यूपीसीएल से 25 साल का करार होगा। प्लांट से पैदा होने वाली बिजली चार रुपये से भी ज्यादा प्रति यूनिट की दर से यूपीसीएल खरीदेगा। प्लांट से सालाना 1.76 लाख की बिजली पैदा होगी। बैंक की किश्त, मेंटनेंस का खर्चा निकालने के बाद भी सालाना 70 हजार रुपये की शुद्ध बचत होगी। लोन खत्म होने पर यही कमाई 1.76 लाख होगी। हर महीने 14 हजार रुपये से ज्यादा की कमाई हो सकेगी।
इन क्षेत्रों में ये है सुविधा का प्रतिशत
श्रेणी ए: इस कैटेगरी में आने वाले क्षेत्रों में 25 प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में ढाई लाख रुपये आपके लोन में एडजस्ट होंगे। इनमें पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर शामिल हैं।
श्रेणी बी: इस वर्ग में 20 प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में दो लाख रुपये मिलेंगे। अल्मोड़ा, पौड़ी, टिहरी के शत प्रतिशत क्षेत्र, नैनीताल का कोटाबाग, देहरादून में कालसी ब्लॉक का पर्वतीय क्षेत्र शामिल है।
श्रेणी सी: 15 प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में डेढ़ लाख रुपये लोन में एडजस्ट होंगे। इसमें देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर शामिल हैं।
सोलर प्लांट के साथ ही कृषि भी
सोलर प्लांट की भूमि पर प्लांट लगाने के बाद भी एरोमेटिक प्लांट, जड़ी बूटी के पौधे समेत सब्जियां उगाई जा सकेंगी। इसके लिए उद्यान विभाग निशुल्क बीज उपलब्ध कराएगा।
ये है गाइड लाइन
~ भूमि पर लगाए जा सकेंगे प्लांट, अपनी जमीन न होने पर, ले सकते हैं लीज में भी
~ एक व्यक्ति को एक ही प्लांट होगा आवंटित
~ जमीन का लैंड यूज चेंज नहीं करना पड़ेगा
~ शैक्षिक योग्यता या अन्य तरह की कोई बाधा नहीं
~ प्लांट के नीचे खेती या मौन पालन के लिए कृषि व उद्यान की अन्य योजनाओं का भी लाभ मिलेगा
~ इसके तहत दस हजार आवेदन लिए जाएंगे
~ जिला स्तर पर गठिन समिति ही, प्राप्त आवेदनों की जांच कर चयन करेगी
~ जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक की अध्यक्षता में गठित समिति यूपीसीएल, जिला सहकारी बैंक और उरेडा के प्रतिनिधि होंगे। इसके बाद तकनीकी रूप से उपयुक्त पाए गए आवेदनों की स्वीकृति के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी।
अक्तूबर से शुरू होंगे आनलाइन आवेदन
इस परियोजना के लिए अक्तूबर माह से आनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की वेबसाइट पर ये आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन के लिए 500 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। निदेशक उरेडा के पक्ष में बैंक ड्राफ्ट के जरिये भुगतान करना होगा।
प्राप्त आवेदनों की जांच करेगी तकनीकी समिति
जिला स्तर पर तकनीकी समिति का गठन होगा जो प्राप्त आवेदनों की जांच करेगी।
लोन चुकाने की अवधि 15 वर्ष रखी गई है, ताकि समान मासिक किस्त कम धनराशि की हो, और विकासकर्ता पर इसका बोझ न पड़े।
[ad id=’11174′]
संबन्धित खबरें
उत्तराखंड में अब तक 75 सोलर पावर प्लांट आवंटित, जानिए जिलेवार स्थिति
उत्तरापीडिया के अपडेट पाने के लिए फ़ेसबुक पेज से जुड़ें।