उत्तराखण्ड में कोरोना से बिगड़े हालात मंत्री के भांजे तक को सारे दिन नहीं मिला बेड

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राज्य में बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से 81 मरीजों की मौत हो गयी है और इनमें से आधे साथ साल से कम उम्र के हैं. देहरादून में सबसे ज्यादा 48 तो नैनीताल में 19, ऊधम सिंह नगर में 06, हरिद्वार में 05, और पौड़ी में 03 मौतें हुई हैं. राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में भी तेज बढ़ोत्तरी हुई है. पिछले 24 घंटे में राज्य में 5,084 संक्रमितों का आंकड़ा सामने आया है. मैदानी जिलों में स्थितियां ज्यादा खराब हैं

स्वास्थ्य सेवाएं भी बदहाल स्थिति में हैं. राजधानी देहरादून में हालत बहुत ज्यादा खराब हैं. हालात इतने संगीन हैं कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के कोरोना पीड़ित भांजे को कल सारा दिन्म किसी भी अस्पताल में आईसीयू बेड नहीं मिल पाया.

खुद मंत्री दिन भर बेड के लिए अस्पतालों के फोन खड़काते रहे लेकिन बेड की व्यवस्था देर शाम जाकर हो पायी वह भी एक निजी अस्पताल में.हरक सिंह रावत के कोटद्वार में रहने वाले भांजे का आक्सीजन लेवल शुक्रवार रात अचानक काफी कम हो गया. उन्हें आनन-फानन में मंत्री के डिफेंस कॉलोनी देहरादून स्थित आवास में लाया गया. उन्हें आईसीयू की जरूरत पड़ने पर दून से लेकर ऋषिकेश तक के सरकारी या निजी अस्पतालों में बेड की व्यवस्था नहीं हो पायी.

खुद वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा—

“मेरे भांजे को आईसीयू की जरूरत थी. मैंने खुद दून अस्पताल, एम्स ऋषिकेश सहित राजधानी के सभी बड़े अस्पतालों में फोन किया. एक आईसीयू बेड नहीं मिल पाया. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही से यह हाल हो रहा है. अफसर सरकार के सामने बातें ज्यादा और काम कम कर रहे हैं. अफसरों  के रवैये से सरकार की छवि तो खराब होगी ही, साथ ही महामारी में सरकार व जनता की मुसीबतें भी बढेंगी.”