केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अनलॉक-4 की गाइडलाइन जारी होने के साथ उत्तराखंड सरकार ने भी प्रदेश में आने वाले लोगों की प्रति दिन 2000 लोगों की सीमा का प्रतिबंध हटा दिया है। अब कितने भी लोग उत्तराखंड आ सकते है लेकिन कुछ शर्तों के साथ
1 सितम्बर 2020 से उत्तराखंड में लॉक डाउन के बाद अनलॉक प्रक्रिया में ये बदलाव किये गए है है, शेष नियम अनलॉक 3 के ही जारी रहेंगे।
1) आने से पूर्व स्मार्ट सिटी की वेबसाइट http://dsclservices.org.in/apply.php पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। हालाकिं इसके लिए बॉर्डर चेक पोस्ट पर पंजीकरण दस्तावेज दिखाने की शर्त को नहीं हटाया गया है।
२) इसी के साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अधिकृत लैब से ही कराना होगा।
इसके पीछे सरकार का तर्क है कि यह कॉनटेक्ट ट्रेसिंग के लिए जरूरी है।
यात्रा से पूर्व प्रदेश के लोगों को भी पंजीकरण करना होगा, हालांकि एप्रूवल की जरूरत नहीं होगी।
एमएचए की शनिवार को जारी की गई गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि राज्यों को केंद्र की अनुमति के बिना कंटेनमेंट जोन से बाहर किसी तरह का प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं होगा। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रति 2000 लोगों को ही आने की अऩुमति थी। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को अतिरिक्त 50 पास जारी करने को कहा गया था।
इस आदेश को जारी करते हुए प्रदेश सरकार ने चार अगस्त की गाइडलाइन के दो प्रावधानों को ही छेड़ा है। ऐसे में कोविड लोड वाले शहरों से आने वालों को आरटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा। इसी तरह से क्वारंटीन होने के पहले के नियम ही प्रभावी माने जाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ समय पहले ही राज्यों से कहा था कि स्थानीय स्तर पर आवाजाही पर लगाए गए प्रतिबंध समाप्त करें। संक्रमण को बढ़ता देखते हुए प्रदेश सरकार दो हजार का प्रतिबंध हटाने के पक्ष में नहीं थी। 22 अगस्त के केंद्र सरकार के पत्र ने इस स्थिति का बदल दिया। अनलॉक-4 गाइडलाइन में एमएचए ने स्पष्ट कहा कि कोई स्थानीय प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
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