प्रधानमंत्री मोदी का नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर सम्बोधन

by Deepti Pandey
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“विक्टोरिया मेमोरियल में बोले मोदी, आज कोलकाता आना मेरे लिए भावुक करने वाला पल”

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को संबोधित किया। पढ़िये प्रधानमंत्री मोदी के सम्बोधन के कुछ बातें-

आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक करने वाला पल है। बचपन से जब भी ये नाम सुना- नेताजी सुभाष चंद्र बोस मैं किसी भी स्थिति में रहा, ये नाम कान में पड़ते ही एक नई ऊर्जा से भर गया। मैं आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चरणों में शीश झुकाता हूं, उन्हें नमन करता हूं और नमन करता हूं उस मां को जिन्होंने नेताजी को जन्म दिया। आज के ही दिन माँ भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आज़ाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी। आज के ही दिन ग़ुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, मैं तुमसे आज़ादी मांगूंगा नहीं, छीन लूँगा। देश ने ये तय किया है कि अब हर साल हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया करेंगे। हमारे नेताजी भारत के पराक्रम की प्रतिमूर्ति भी हैं और प्रेरणा भी हैं। ये मेरा सौभाग्य है कि 2018 में हमने अंडमान के द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा। देश की भावना को समझते हुए, नेताजी से जुड़ी फाइलें भी हमारी ही सरकार ने सार्वजनिक कीं। ये हमारी ही सरकार का सौभाग्य रहा जो 26 जनवरी की परेड के दौरान INA Veterans परेड में शामिल हुए।

आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे फिर ये सवाल सुनाई देगा:क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है। भारत की संप्रभुता को जब भी चुनौती दी गई, भारत ने मुंह तोड़ जवाब दिया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गरीबी को, अशिक्षा को, बीमारी को, देश की सबसे बड़ी समस्याओं में गिनते थे। हमारी सबसे बड़ी समस्या गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और वैज्ञानिक उत्पादन की कमी है। इन समस्याओं के समाधान के लिए समाज को मिलकर जुटना होगा, मिलकर प्रयास करना होगा।

नेताजी सुभाष, आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ ही सोनार बांग्ला की भी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। जो भूमिका नेताजी ने देश की आज़ादी में निभाई थी, वही भूमिका पश्चिम बंगाल को आत्मनिर्भर भारत में निभानी है। आत्मनिर्भर भारत का नेतृत्व आत्मनिर्भर बंगाल और सोनार बांग्ला को भी करना है। आज अगर नेताजी देखते कि उनका भारत इतनी बड़ी महामारी से इतनी ताकत के साथ लड़ा है। आज उनका भारत वैक्सीन जैसे आधुनिक वैज्ञानिक समाधान खुद तैयार कर रहा है, तो वो क्या सोचते, जब वो देखते कि भारत वैक्सीन देकर दुनिया के दूसरे देशों की मदद भी कर रहा है तो उनको कितना गर्व होता।

कोलकाता पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर स्मारक डाक टिकट भी जारी किया और उनकी मूर्ति का अनावरण भी किया।

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