पढ़ाई के साथ करियर भी संवारेंगे अटल उत्कृष्ट स्कूल, हर ब्लॉक में खुलेंगे दो-दो विद्यालय

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राज्य के हर ब्लॉक में दो-दो अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के जरिए सरकार न केवल दूरदराज ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को न केवल गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराएगी। बल्कि छात्रों को उनकी पढ़ाई के दौरान ही करियर के प्रति भी जागरूक करेगी।

कक्षा छह से 12 वीं तक के इन 190 स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम को प्राथमिकता दी गई है। हालांकि हिंदी में पढ़ाई के इच्छुक छात्रों को हिंदी का विकल्प मिलेगा। बुधवार को कैबिनेट में उत्कृष्ट स्कूल योजना के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।

अटल स्कूलों के साथ अच्छी बात यह है कि इनके लिए सरकार को अलग से धन का इंतजाम नहीं करना होगा। वर्तमान में स्थापित संसाधनयुक्त स्कूलों को ही इस योजना के लिए चुना गया है।

इसके साथ ही एशियन डेवलेपमेंट बैंक (एडीबी) से भी राज्य के करीब 700 करोड़ रुपये का पांच साल का प्रोजेक्ट मिलने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत 300 स्कूलों को लिया जाना है।

अटल आदर्श स्कूलों को सरकार इसी प्रोजेक्ट में शामिल करने जा रही है। पांच साल के इस प्रोजेक्ट के तहत हर साल राज्य को 140 करोड़ रुपये मिलने हैं।

एपीडी-समग्र शिक्षा अभियान डॉ. मुकुल कुमार सती ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इन स्कूलों के लिए सीबीएसई की मान्यता लेने क प्रक्रिया शुरू की जा रही है। सभी 190 स्कूल सीबीएसई के मानकों को करीब करीब पूरा कर रहे हैँ। जो कुछ कमियां होंगी, उन्हें भी तेजी से दूर किया जाएगा।

सीबीएसई माध्यम और हिंदी-अंग्रेजी में पढ़ाई का विकल्पस्कूल कक्षा छह से से 12 वीं तक के लिए होंगे। ये स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध होंगे। छात्रों केा हिन्दी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों से पढ़ाई का विकल्प मिलेगा। स्कूलों के संचालन और नियुक्ति के लिए शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। शिक्षा निदेशक इसके सदस्य सचिव होंगे।

जबकि डीजी, शिक्षा सचिव द्वारा नामित अधिकारी, बेसिक शिक्षा निदेशक, निदेशक-एआरटी और दोनों मंडल के एडी-माध्यमिक, निदेशालय के संयुक्त निदेशक-माध्यमिक इस समिति के सदस्य होंगे। जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समितियां बनाई जाएंगी।

अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के जरिए सरकार आम परिवारों को प्राइवेट स्कूलों के समान अंग्रेजी में शिक्षा का अवसर देगी। संपन्न परिवार तो अपने बच्चों को वर्तमान प्रतिस्पर्धात्मक माहौल के लिए तैयार कर लेते हैं लेकिन आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे इसमें पिछड़ते जा रहे हैं।
अटल स्कूल इस खाई को पाटने का काम करेंगे। इन्हें उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। स्कूलों में पढ़ाई के दौरान ही छात्रों को करियर के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। छात्रों की रुचि के अनुसार ही संबंधित क्षेत्रों में भी पारंगत बनबाने का प्रयास होगा।
अरविंद पांडे, शिक्षा मंत्री