कोरोना काल के समय में कुछ मरीज ऐसे भी पाए जा रहे हैं, जो कि स्वस्थ है, फिर भी बिना किसी लक्षण के भी उनका कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आ रहा है।
कोरोना वायरस के लक्षण सर्दी, जुखाम, बुखार, थकान, और सांस लेने में दिक्कत, आदि है। यदि समस्या अधिक बढ़ जाए तो निमोनिया और सांस लेने में दिक्कत, गंभीर समस्या का रूप ले लेती है।
लेकिन सामान्यतः यदि आप कोरोना से उबर चुके हैं, स्वस्थ महसूस करते हैं और यदि आपको सांस लेने में दिक्कत है, तब इस समस्या को हल्के में ना लें, क्योंकि कोरोना काल में यह लक्षण टीबी, फाइब्रोसिस या निमोनिया के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं । आगे चलकर फेफड़ों में गंभीर संक्रमण का खतरा हो सकता हैं।
हमारे देश में कोरोना से ठीक हुए मरीजों की दर मे दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है, परंतु कोरोना वायरस से उबरे कुछ मरीजों में भी सांस संबंधी दिक्कत पाई जा रही है। जो कि आगे चलकर उनके लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। कोरोना वायरस से देश में काफी मरीज तेजी से उबर रहे हैं, लेकिन यह वायरस कुछ मरीजों में जीवन भर के लिए असर छोड़ कर जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विक्रम सिंह के अनुसार, कोरोना के रोगियों के फेफड़ों का एक्सरा करने पर पाया गया है कि, कुछ मरीजों के फेफड़ों में फाइब्रोसिस की समस्या पाई गई है। इस समस्या से ग्रसित मरीज के फेफड़ों मे विशेष स्थान पर काला धब्बा दिखता है, और उस स्थान पर सिकुड़न और सूजन की समस्या भी होने लगती है।
फाइब्रोसिस की समस्या अधिक बढ़ जाने पर व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत एवं निमोनिया भी हो जाता है और व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर भी गिरने लगता है।
फाइब्रोसिस से पीड़ित मरीज को कई बार सीवियर निमोनिया का सामना करना पड़ता है। यदि व्यक्ति को फाइब्रोसिस और निमोनिया दोनों एक साथ हो जाए तो उनकी जिंदगी खतरे में आ जाती है।
यदि किसी व्यक्ति को फाइब्रोसिस जीवन में एक बार हो जाए तो उसे पूरे जीवन भर सांस की समस्या, निमोनिया और अन्य फेफड़ों के संक्रमण का खतरा बना रहता है।
बचाव करने के उपाय-
शरीर में इम्यूनिटी का विशेष ध्यान रखें। हमेशा मास्क पहन कर रहे, साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखें और अपने शरीर में विटामिन सी व विटामिन डी की कमी ना होने दें और भोजन में प्रोटीन और फाइबर युक्त पौष्टिक आहार को नियमित सम्मिलित करें।