रानीखेत से भवाली

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रानीखेत जिसे Queen’s Meadow भी कहते हैं – उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले का एक बहुत ही खुबसूरत हिल स्टेशन और छावनी क्षेत्र है। रानीखेत अपनी प्राकर्तिक खूबसूरती, यहाँ से दिखने वाले विशाल हिमालय श्रंखला, यहाँ के मंदिरों, यहाँ स्थित गोल्फ कोर्स, और खुबसूरत खेतों के लिए सभी का मन जीत लेता है।

सुंदर घाटियां, चीड़ और देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़, शहरी कोलाहल तथा प्रदूषण से दूर अद्भुत सौंदर्य आकर्षण का केन्द्र है। यहाँ, निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम से भवाली, खैरना होते हुए लगभग 80 किलोमीटर की दुरी तय कर पंहुचा जा सकता है।

इस लेख में हैं – समुद्र तल से लगभग 6132 फीट की ऊंचाई पर स्थित रानीखेत से जुड़ा इतिहास, कुछ वर्तमान, कुछ भूगोल की बातें, कुछ सामान्य जानकारी और साथ ही जानेंगे रानीखेत से भवाली तक पड़ने वालें कुछ पहाड़ी कस्बो को।

रानीखेत का पिन कोड है – 263645 और STD कोड है 05966

मनोरम पर्वतीय स्थल रानीखेत लगभग 25 वर्ग किलोमीटर में फैला है। कुमाऊं क्षेत्र में पड़ने वाले इस स्थान से लगभग 400 किलोमीटर लंबी हिमाच्छादित पर्वत-श्रृंखला का ज़्यादातर भाग दिखता हैं। छावनी का यह शहर अपने पुराने मंदिरों के लिए प्रसिद्द है।

कहा जाता है कि सैकड़ों वर्ष पहले कोई रानी अपनी यात्रा पर निकली हुई थीं। इस क्षेत्र से गुजरते समय वह यहां के प्राकृतिक सौंदर्य से मोहित होकर रात्रि-विश्राम के लिए रुकीं। बाद में उन्हें यह स्थान इतना अच्छा लगा कि उन्होंने यहीं पर अपना स्थायी निवास बना लिया। चूंकि तब इस स्थान पर छोटे-छोटे खेत थे, इसलिए इस स्थान का नाम ‘रानीखेत’ पड़ गया। दुनिया भर से हर साल लाखों की संख्या में सैलानी यहां मौज-मस्ती करने के लिए आते हैं।

Golf Course
Golf Course

क्योंकि रानीखेत कुमाऊं रेजिमेन्ट का मुख्यालय है, इसलिए यह पूरा क्षेत्र काफ़ी साफ-सुथरा रहता है। cant area होने के कारण यहाँ किसी भी प्रकार का निर्माण प्रतिबंधित है। रानीखेत से भवाली के मध्य आने वाले कुछ प्रमुख स्थान हैं – उपराडी – बजीना –  बजोल – बम्स्युं – पातली – भुजान – खैरना – गरमपानी – रातीघाट – कैंची धाम और फिर भवाली। उपराडी में 4 व्हीलर्स को छावनी परिसद के लिए टोल टैक्स देना होता है।

रानीखेत के आस पास के आकर्षण – हैडाखान आश्रम, चौबटिया apple गार्डन, दूनागिरी मंदिर, गोल्फ कोर्स, माल रोड, सोहनी बिनसर मंदिर आदि हैं। और यहाँ के अधिकतर निर्माण अंग्रेजों के समय के हैं। यहाँ कुछ वर्ष पूर्व रानी lake का निर्माण कराया गया।

रानीखेत शहर से अल्मोड़ा मार्ग में लगभग 5 किलोमीटर की दुरी पर चीड़ के घने जंगल के बीच विश्व प्रसिद्ध गोल्फ मैदान है। उसके पास ही कलिका में कालीदेवी का प्रसिद्ध मंदिर भी है।

मजखाली, चौबटिया (10 km), चिलियानौला (6 किलोमीटर) स्थित हेडाखान बाबा का भव्य मंदिर खासतौर से देखने लायक है। खड़ी बाजार, आशियाना पार्क जो की जंगल थीम पर बना है और आर्टिफीसियल रानी झील यहाँ के कुछ अन्य प्रमुख आकर्षण है।

बिनसर महादेव – भगवन शिव को समर्पित यह मंदिर भी यहाँ से कुछ दुरी पर ताडीखेत होते हुए कुछ दुरी पर स्थित है।

रानीखेत देश से सभी प्रमुख स्थानों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। नजदीकी रैलवे स्टेशन काठगोदाम 80 किलोमीटर, हवाई अड्डा पंतनगर 135 किलोमीटर पंतनगर में है। रानीखेत की दूरी नैनीताल से 63 किमी, अल्मोड़ा से 50 किमी।

रानीखेत के प्राकर्तिक सुन्दरता किसी का भी मन मोह लेती है

रानीखेत से भवाली मार्ग को कुमाओं के बेहतरीन मार्गो में कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी, मार्ग के एकंऔर पहाड़ी और दूसरी और ढलान, कभी कभी दिखती नदी, बीच में पड़ते छोटे छोटे गांव जहाँ स्ठित दुकाने, घर और आबादी आपका मन बरबस अपनी और आकर्षित कर लेती हैं।

देखने को बहुत कुछ मिलेगा सड़क से चलते हुए कभी सड़क के किनारे दुकान, कभी कोई रिहायशी घर तो कभी ऐसा घर जहाँ लोग नहीं रहते बस उनकी यादें रहती हैं, वो चले गए किसी बेहतर जिंदगी की तलाश में या फिर छोड़ गए अपना आसियान किसी मज़बूरी के कारण।

रानीखेत से लगभग 30 किलोमीटर पर भुजान नामक स्थान से बेतालघाट को मार्ग जाता है। और फिर ठीक बाद आने वाले खैरना पुल से लेफ्ट हैण्ड को मार्ग अल्मोड़ा के लिए, राईट हैण्ड को मार्ग हल्द्वानी व नैनीताल के लिए जाता है। और साथ ही यहाँ से खैरना का बाजार क्षेत्र भी शुरू हो जाता है। यहाँ भी काफी बड़ी बाजार है, जहाँ लगभग हर तरह का जरुरी सामान मिल जाता है। यहाँ भी एक पेट्रोल पंप मौजूद है। और खैरना से ही लगा हुआ गरम पानी बाजार, यहाँ लेफ्ट हैण्ड साइड को हनुमान जी के मंदिर से लगा हुआ एक प्राकर्तिक जल श्रोत है, जिससे वर्ष भर चौबीसों घंटे पीने का पानी बहता रहता है।

और गरम पानी से कुछ ६ सात किलोमीटर की दुरी पर स्थित रातिघाट, यहाँ पर भी छोटी सी बाजार है। रातिघाट से 10 किलोमीटर बाद है कैची धाम। यहाँ विश्वप्रसिद्ध मेला व भंडारा बाबा नीब करौरी जी की याद में प्रतिवर्ष 15 जून को मनाया जाता है। कैंची धाम से लगभग 7 किलोमीटर की दुरी पर है आज के सफ़र की मंजिल भवाली, और भवाली से कुछ पहले आता है निगलाट।

भवाली की सीमा शुरू होते ही दाहिनी हाथ की दिशा में है पेट्रोल पंप, और फिर शुरू हो जाती है यहाँ की बाजार। कुछ आगे चल कर मिलता है भवाली का मुख्य तिराहा जहाँ से राईट हैण्ड साइड का मार्ग नैनीताल को जाता है और वाया ज्योलीकोट होते हुए आप हल्द्वानी काठगोदाम इस मार्ग से भी जा सकते हैं और बाईं ओर का मार्ग वाया भीमताल होते हुए हल्द्वानी को।

इस सारे मार्ग का विडियो आप नीचे देख सकते हैं। ?


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