Home Motivation पहाड़ी परती भूमि पर खिले अंकुर: लॉकडाउन का असर

पहाड़ी परती भूमि पर खिले अंकुर: लॉकडाउन का असर

by Sunaina Sharma

परती भूमि पर अंकुर फूटना किसी चमत्कार से कम नहीं है, लेकिन ऐसा ही चमत्कार उत्तराखंड के एक गांव में हुआ है, यह चमत्कार शहरों से लौटे प्रवासियों का करिश्मा है, जिन्होंने जॉब के अभाव में वापस उत्तराखंड के अपने गांव में आकर परती भूमि पर फसल उगाने के लिए कड़ी मेहनत की और उनकी मेहनत रंग भी लाई। वास्तव में यह किसी करिश्मा या जादू से कम नहीं है।

यह घटना बिल्कुल सत्य है, आज हम यहां पर बात कर रहे हैं टिहरी जिले में स्थित चंबा ब्लॉक के फैगुल गांव की, जहां के लोगों ने और शहरों से लौटे प्रवासियों ने 4 माह के कड़ी मेहनत के बाद, इस परती भूमि को हरी-भरी फसल से और हरी सब्जियों से लहलहाते खेतों में तब्दील कर दिया है।

इस परती भूमि को सभी अनुपयोगी समझते थे। उसी परती भूमि में अब विभिन्न प्रकार की दालें, सब्जियां, अनाज और यहां तक कि खेतों के किनारों पर विभिन्न प्रकार के फलों जैसे आम, लीची और किनू के पौधे भी लगाए गए हैं।

यह भूमि लगभग साढे तीन लाख वर्ग फुट परती भूमि थी। यहां सिंचाई के लिए पानी की समस्या भी थी, जिस कारण यह भूमि लंबे समय से लगभग 15 साल से परती भूमि थी।

यहां पर आजीविका के कोई साधन नहीं थे, जिस कारण यहां के लोग शहरों में कार्य करने को विवश थे, परंतु कहते हैं कि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं होता। ऐसा ही कुछ यहां भी हुआ, लगभग दर्जनभर वापस लौटे प्रवासियों की मदद से पानी की समस्या भी दूर हो गई। नजदीक में स्थित जल स्रोत से पानी ढो कर लाए और सिंचाई की, और उनकी मेहनत रंग भी लाई। लगभग 15 वर्षों से परती पड़ी भूमि पर अब हरियाली छाई है।

परती भूमि में अंकुर फूट चुके हैं, जो यह विश्वास दिलाते हैं कि, हर अंधियारे के बाद उजाला आता है। अब गांव के लोगों को शहरों में नहीं जाना पड़ेगा आजीविका के लिए। गांव के लोग बताते हैं कि क्षतिग्रस्त सिंचाई प्रणाली (हौज-गूल) के पुनर्निर्माण के लिए सिंचाई विभाग को सूचित कर दिया गया है।

गांव के लोग कहते हैं कि, इस भूमि को बड़े स्तर पर स्वरोजगार का साधन बनाएंगे। बड़े स्तर पर फल सब्जियां और अनाज की पैदावार बढ़ाएंगे। जिससे गांव के किसी भी सदस्य को आजीविका के लिए शहर ना जाना पड़े।

You may also like

Leave a Comment

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00