जंगली सुअरों से खेती को ऐसे बचाया

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उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़  विकासखंड के अणां गांव के काश्तकारों ने खेतों में लगी फसलों को जंगली सुअरों से बचाने के लिए अनोखा तरीका निकाला है। काश्तकार खेतों के चारों तरफ पुराने कपड़ों से घेरबाड़ कर रहे हैं, जिसका असर यह हो रहा है कि जंगली सुअर खेत में घुसने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।

विकास खंड गरुड़ के असिंचित इलाके के काश्तकार विगत कई वर्षों से जंगली सुअरों के आतंक से परेशान थे। जंगली सुअरों को खेतों से भगाने के लिए वे शाम होते ही कनस्तर, नगाडे़, ढोल बजाना शुरू कर देते थे। इसका असर यह होता था कि वाद्य यंत्रों की आवाज सुनकर जंगली सुअर खेतों से कुछ देर के लिए भाग जाते थे, हालांकि वे फिर कुछ समय बाद पुनः वापस आ जाते। अणां गांव के काश्तकारों ने सुअरों से फसलों को बचाने के लिए खेतों में चारों तरफ पुराने कपड़ों से घेराबंदी कर दी।

गांव के प्रगतिशील काश्तकार ठाकुर सिंह रावत का कहना है कि पुराने कपड़ों को देखकर सुअर खेतों में नहीं घुसते हैं। वन रेंजर हरीश खर्कवाल ने बताया कि पुराने कपड़ों की घेरबाड़ करने से जंगली सुअरों को खेतों में मानवों के होने का आभास होता है जिससे वे डर जाते हैं और खेतों में नहीं घुसते।

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