भारत का ऐसा शहर जो पहले बना और फिर लोगों ने यहाँ रहना शुरू किया, यानि प्लाण्ड सिटी। चंडीगढ़ ना सिर्फ भारत की सबसे खूबसूरत लैंड सिटी है, बल्कि दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत शहरों में जाता जाता है, जो देश की राजधानी दिल्ली से लगभग 265 किलोमीटर दूर है।
चंडीगढ़ को डिज़ाइन करते हुए आयताकार सेक्टर में बाँटा गया है। जिसके पूर्व में हरियाणा हैं और अन्य सभी दिशाओं में पंजाब से घिरा है।
चंडी देवी के नाम से चंडीगढ़ का नाम पड़ा, वैसे चंडीगढ़ का इतिहास 8000 वर्ष पूर्व हड़प्पा काल से माना जाता है।
चंडीगढ़ को डिजाइनर सिटी बनाने के लिए फ्रांस के प्रसिद्ध वास्तुकार और डिजाइनर ले कुरबूसियर की सेवाएं ली गयी जिसके बाद बहुत से भारतीय इंजीनियर डिजाइनर और आर्टिस्ट ने इस स्थान को संवारने का काम किया।
आज भी चंडीगढ़ को नए समय की जरूरत और नहीं चुनौतियों के साथ यहां की खूबसूरती को नया आयाम देने के लिए नई चीज जुड़ती रहती है। चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है। जो दो राज्यों की राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश है।
चंडीगढ़ का सेक्टर 1 को चंडीगढ़ का हेड माना जाता है, यहां वाइल्ड लाइफ का भी आनंद लिया जा सकता है। सेक्टर 1 में स्थित कैपिटल परिसर में चंडीगढ़ के स्पिरिट का प्रतीक ओपन हैंड मॉन्यूमेंट “लेन देन के लिए सदैव तैयार रहने” का संदेश देता है।यह यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थलों में से एक है।
सेक्टर 1 में कैपिटल परिसर के निकट रॉक गार्डन, बर्ड पार्क और सुखना लेक भी स्थित है।
सुखना लेक
तीन वर्ग किलोमीटर में फैली सुखना एक झील मानव निर्मित झील है, जिसे 1958 में बरसात के मौसम में बहाने वाली मौसमी नहर सुखना बरसाती नहर को रोक कर बनाया गया। शीतकाल में झील कई प्रवासी पक्षियों जैसे साइबेरियन और सारस के लिए अभयारण्य है। नक्षत्र वन, सुखना झील से वन्य जीव अभयारण्य, राशि वन, स्मॉल एवियरी सेक्शन और यहां के बेहद खूबसूरत स्थान है ।
रॉक गार्डन
रॉक गार्डन 35 एकड़ में फैला है। 1957 में इस गार्डन का निर्माण शुरू किया था। यहां विभिन्न कलाकृतियां देखी जा सकती हैं दिलचस्प बात यह है की इसे पूरी तरह से घरेलू और औद्योगिक वस्तुओं के कचरे से बनाया गया है। इस गार्डन लैंडस्केप में वस्तु कला मूर्ति कला और पौराणिक कथाओं का मिश्रण है।
रोज गार्डन
इसका नाम पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के नाम पर रखा गया है। इस सुंदर गार्डन को 1967 में तैयार किया गया। यह पार्क 10 एकड़ में फैला है। और यहां गुलाब की पुष्प की 1600 से अधिक प्रजातियां के साथ 32000 से अधिक पेड़ों और औषधीय के प्लांट से जिम से कई दुर्लभ प्रजातियां भी हैं।
पिंजौर गार्डन
चंडीगढ़ शिमला मार्ग में चंडीगढ़ से 22 किलोमीटर दूर मुगल कालीन एक गार्डन है। मुगल वास्तु कला और यहां के सुंदर पार्क देखने भी यहां विजिट किया जा सकता है।
चंडीगढ़ में रोज गार्डन के अलावा कई अन्य सेक्टर में भी पार्क है।
चंडीगढ़ में कई म्यूज़ियम भी हैं, जहां विजिट कर अद्भुत कलाकृतियां देखी जा सकती हैं। एक म्यूज़ियम सेक्टर 10 में स्थित चंडीगढ़ म्यूज़ियम एंड आर्ट गैलरी। यहां दुर्लभ प्राचीन मूल्यवान वस्तुओं कलाकृतियां पेंटिंग्स और अन्य दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह हैं।
चंडीगढ़ में यातायात के नियमों का सख़्ती से पालन होता है। यह मुख्य सड़क में चौपहिया, दोपहिया वाहनों के चलने के साथ-साथ पैदल चलने वाले, और साइकिल से चलने वालों की सुविधा के लिए अलग-अलग लेन बने हैं।
चंडीगढ़ में सभी जगह सड़कों में यातायात पर नजर रखने के लिए हाई टेक कैमरे लगे हैं। जिनके कारण सड़क में किसी भी ट्रैफिक नियम के टूटने पर ट्रैफिक कंट्रोल रूम में ऑटोमेटिक अलग चला जाता है, परिणाम स्वरूप संबंधित वाहन स्वामी के पास ऑनलाइन चालान पहुंच जाता है।
चंडीगढ़ सड़क मार्ग रेल मार्ग और वायु मार्ग से अच्छी तरह देश के बाकी शहरों से कनेक्टेड है।
ओपन बस सर्विस द्वारा चंडीगढ़ का भ्रमण कर सकते हैं, जिसके कुछ निश्चित स्टॉपेज हैं जिसे सुखना लेक से शुरू कर यहीं पर अपना टूर समाप्त किया जा सकता है। 45 मिनट में चंडीगढ़ के कुछ प्रसिद्ध जगह को इस बस के द्वारा देख सकते हैं।
चंडीगढ़ अपने लिविंग और क्वालिटी लाइफ के कारण भारत के कुछ सबसे महंगे शहरों में जाना जाता है।
ठहरने के लिए चंडीगढ़ में कई होटल और गेस्ट हाउस हैं। चंडीगढ़ के आसपास से जुड़े स्थान जैसे नयागांव, जीरकपुर, पंचकूला, मोहाली जिसे साहिबजादा अजीत सिंह नगर भी कहते हैं, जैसी जगह में भी लोग भी ठहरते है। चंडीगढ़ वर्ष में कभी भी आया जा सकता है लेकिन फूलों के खेलने के समय चंडीगढ़ की सुंदरता अकल्पनीय अतुलनीय प्रतीत होती है।
चंडीगढ़ के बारे में और जानने के लिए वीडियो देखें।