खिरसू उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित एक हिल स्टेशन है। यह एक रमणीक स्थल है। खिरसू एक गांव है, जिसे उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पर्यटन स्थल का दर्जा दिया गया है। खिरसू समुद्र तल से 17०० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। लेकिन यह स्थान लैंसडाउन की तुलना में ज्यादा ठंडा है। क्योंकि पूरा गांव ऊंची पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है।
खिरसू में ओक के पेड़, देवदार के पेड़ और सेब के बगीचे हैं। यह जगह पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय और प्रसिद्ध पहाड़ी स्थल के रूप में उभर कर सामने आई है और वर्तमान में इस स्थान को प्रसिद्ध हिल स्टेशन के रूप में पहचान मिली है। यह जगह उत्तराखंड में सबसे प्रतिष्ठित जगह में से एक है। यहां एक घंडियाल मंदिर (Ghandiyal Mandir) है, जो कि एक प्राचीन मंदिर है। घंडियाल मंदिर हिंदू भक्तों के लिए प्रसिद्ध स्थल है।
खिरसू जाने का मार्ग-
NH119 मार्ग के द्वारा हम खिरसू तक पहुंच सकते हैं। देवप्रयाग खिरसू से 60 किलोमीटर, ऋषिकेश 135 किलोमीटर, हरिद्वार 153 किलोमीटर है, देहरादून 175 किलोमीटर दूर स्थित है। पर्यटक हवाई मार्ग के द्वारा भी खिरसू पहुंच सकते हैं। खिरसू के समीप रेलवे स्टेशन कोटद्वार में है। जो 115 किलोमीटर की दूरी पर है।
खिरसू का कठबद्दी मेला-
खिरसू का कटबद्दी मेला खिरसू ब्लॉक के ही कोठी गांव में होता है। यह मेला पिछले 150 साल से मनाया जा रहा है।जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इसका आयोजन वैशाख महीने के तीसरे सोमवार को किया जाता है। इस मेले का आकर्षण बद्दी बुरास की लकड़ी से बनाई जाती है। इसे इंसान का रूप दिया जाता है, यह मेला बद्दी जाति के लोगों से जुड़ा है। इन लोगों का मानना है की, इससे वनदेवी खुश हो जाएगी तथा प्राकृतिक आपदाएं और वन्यजीवों से उनकी रक्षा करेंगी।