हाल ही में वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2020 (ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट 2020) जारी किया गया। वैश्विक भुखमरी सूचकांक रिपोर्ट संयुक्त रुप से आयरलैंड स्थित एजेंसी कंसर्न वाइल्डलाइफ (Concern Worldwide) और जर्मनी के एक संगठन वेल्ट हंगर हिल्फे (Welt Hunger Hilfe) द्वारा जारी किया जाता है। वैश्विक भुखमरी सूचकांक रिपोर्ट वार्षिक रिपोर्ट है जो प्रतिवर्ष जारी होती है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक की रिपोर्ट 4 संकेतकों पर निर्भर करता है। यह संकेतक है-
1-अल्प पोषण, 2-चाइल्ड वेस्टिंग, 3-चाइल्ड स्टंटिंग और 4-बाल मृत्युदर
वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2020 में भारत का स्थान 94 वां रहा है। भारत का यह स्थान कुल 107 प्रतिभागी देशों में रहा है। वर्ष 2019 में भारत का स्थान 117 देशों में 102 वां था, और वर्ष 2018 में भारत का स्थान 103 वां था।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक के निर्धारण में 0 से 100 तक के पैमाने पर भूखमरी के आधार पर स्कोर का निर्धारण किया जाता है। जिसमें 0 सबसे अच्छा स्कोर और 100 सबसे खराब स्कोर को इंगित करता है।
वर्ष 2020 के वैश्विक भुखमरी सूचकांक रिपोर्ट में भारत का स्कोर 27.2 है, इसका मतलब भारत की स्थिति गंभीर श्रेणी में है । कुल 107 देशों में केवल 13 देशों की स्थिति ही भारत से खराब है, यह बहुत चिंताजनक है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत अपने पड़ोसी देशों से भी ज्यादा गंभीर स्थिति में है। पड़ोसी देशों में श्रीलंका का स्थान 64 वां, पाकिस्तान का स्थान 88 वां, बांग्लादेश का स्थान 75 वां, नेपाल का स्थान 73वां और म्यांमार का स्थान 78 वां है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक /ग्लोबल हंगर इंडेक्स(GHI) गंभीरता श्रेणी-
कम? ≤ 9.9
मध्यम? 10.0–19.9
गंभीर? 20.0–34.9
खतरनाक? 35.0-49.9
बेहद चिंताजनक? ≥ 50.0
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की स्थिति इस वर्ष गंभीर श्रेणी में होने के मुख्य कारण राज्यों द्वारा कुपोषण से निपटने की उदासीन प्रवृत्ति, अव्यवस्थित खाद्य प्रबंधन और वितरण, अन्य मुख्य कारण कोरोनावायरस के कारण लोगों का पलायन होने से उत्पन्न खाद्य प्रबंधन की अव्यवस्था भी है।