उत्तराखंड राज्य में हिमालय की गोद में बसा एक छोटा सा शांत और सुन्दर पर्यटक आकर्षण का केंद्र चौकोड़ी।
जहां वक़्त ठहरा हुआ सा महसूस कर सकते है। जहां सब से दूर, प्रकृति के मध्य रहा जा सकता है। जहां इतनी शांति हैं कि अपने धड़कनों की आवाज भी सुनी जा सकती हैं। जहां बर्फ से ढकी हिमालय शृखला से आती ठंडी ठंडी हवाओं को आप अपने चेहरे पर महसूस कर सकते हैं।
उत्तराखंड के कुमाऊँ मण्डल छेत्र में दो जिले बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले की सीमा पर और पिथौरागढ की बेरीनाग तहसील में है ये खूबसूरत स्थान। यह जगह चौकोर आकार मे दिखाई देती है, जिससे इसे नाम मिला चौकोड़ी या चौकोडी।
यहाँ अपने चारों ओर हरियाली, सामने दिखती विशाल हिमालय शृंखला, बाज, बुरांश, उतीश आदि के चौड़े पत्तीदार वृक्ष और घने जंगले, शांत आबोहवा और स्वच्छ वातावरण है।
यहाँ पर्यटक हिमालय की विशाल range को देखने जिनमें से त्रिशूल, नंदाकोट, नंदादेवी, चौखम्भा, पंचाचुली, आदि चोटियाँ प्रमुख हैं, आते हैं। हालांकि हिमालय तो कई अन्य स्थानों से भी दिखता है, पर यहाँ से दिखने वाली हिमालय शृखला की ये खासियत है की आप के हिमालय के बीच में अन्य कोई व्यवधान नहीं होता, यूं लगता है कि मानों बस हाथ बढ़ा कर छू लें।
इसके अलावा चौकोडी के अन्य आकर्षण यहाँ से दिखने वाले घाटियों के सुंदर नज़ारे, वाइल्ड लाइफ जिनमें कांकड़, घुरड, लेपर्ड, जंगली मुर्गियाँ, और कई तरह की बर्ड्स (रेज़िडेन्शियल और migrated) देखी जा सकती हैं।
यहाँ बाज, बुरांश, उतीश आदि के चौड़े पत्तीदार वृक्ष पाये जाते हैं। यहाँ के घने जंगल, ब्रिटिश पीरियड के चाय के बागान के बीच वॉक, शांत आबोहवा और स्वच्छ वातावरण के बीच रीडिंग, राइटिंग, या बैठ कर आप कोई भी क्रिएटिव वर्क करते हुए, प्रकृति के सुंदर नजारों के साथ वक्त बिता सकते हैं। यहाँ आप सूर्योदय और सूर्यास्त का खुबसूरत दृश्य देख आनंदित हो सकतें हैं।
Chaukori एक ठंडी जगह है, यहाँ हर मौसम में प्रकर्ति की अलग अलग रंग देखने को मिलते है। सर्दियों के मौसम में बर्फ़बारी का आनंद उठाने के अलावा, फ़रवरी से जून तक विभिन्न वनस्पतियों, पक्षियों, तितलियों को देख सकते हैं, और बरसात के मौसम में यहाँ की हरियाली, झरने और बरसात के बाद अक्टूबर से दिसम्बर तक हिमालय श्रंखलायें और मनोहारी दृश्यों के लिए देखते ही बनता है।
यहाँ ब्रिटिश टाइम मे tea फैक्ट्री और कुछ भवन अब भी देखे जा सकते हैं। ब्रिटिश समय मे चौकोडी, मे यह जमीन थोकदार मोहन सिंह बिष्ट और दान सिंह बिष्ट भाइयों की थी, जो बाद मे दान सिंह बिष्ट जी पुत्र महिराज सिंह बिष्ट को विरासत मे मिली और अब उस परिवार के नयी पीढ़ी के लोगो की।
बताया जाता हैं, हैं कि चौकड़ी की जमीन बिष्ट परिवार को 99 वर्ष की लीज पर मिली हैं, जिसे बेचा नहीं जा सकता हैं, इसलिए जहां आज चौकोडी मे रिज़ॉर्ट, घर बने हैं, वे बिष्ट परिवार के से दान मे मिले हैं ऐसा दिखाया जाता है।
अन्य आकर्षण
पाताल भुवनेश्वर
चौकोड़ी से करीब 40 किमी दूर पाताल भुवनेश्वर नामक एक गुफा मन्दिर है। किंवदन्ती है कि यहाँ पर पाण्डवों ने तपस्या की और कलियुग में आदि शंकराचार्य ने इसे पुनः खोजा। इस गुफा में प्रवेश का एक संकरा रास्ता है जो कि करीब 100 फीट नीचे जाता है।
हाट कालिका मंदिर
हाट कालिका मंदिर, गंगोलीहाट यहाँ पर प्रसिद्ध हाट कालिका मन्दिर है। जिसकी क्षेत्र में काफी मान्यता है माँ कालिका को भारतीय सेना की कुमाऊँ रेजीमेंट की आराध्य देवी हैं।
मुनस्यारी
विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मुनस्यारी को जाने के लिए भी आपको चौकोड़ी से हो कर गुजरना होता है, मुंस्यारी की दूरी यहाँ से सिर्फ 97 किलोमीटर है। मुंनस्यारी प्रसिद्ध है अपनी हिमालया शृखलाओं और मुंस्यारी से होकर ही कई high altitude treks के लिए मार्ग जाता है।
चौकोडी के समीप ही कोटमन्या में एक deer पार्क भी है।
चौकोडी कैसे पहुचे?
चौकोड़ी उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में कौसानी से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चौकोड़ी पहुचने के लिए नजदीकी नैनी सैनी एयरपोर्ट, पिथोरागढ़ यहाँ से 78 किलोमीटर दूर हैं । इसके अलावा पंतनगर एयरपोर्ट 249 किलोमीटर दूर हैं।
काठगोदाम (kathgodam) 190 किलोमीटर हैं। यहाँ तक ट्रेन से पहुँच कर बस काठगोदाम मे टॅक्सी भी hire की सकते हैं।
दिल्ली से roadways की कुछ बस सेवाएँ पिथोरगढ़ व मुन्स्यारी या वागेश्वर के निकलती हैं, जो kathgodam/ अल्मोड़ा होते हुए जाती हैं। पिथोरगढ़ या वागेश्वर से टॅक्सी द्वारा भी चौकोडी पहुचा जा सकता हैं।
चौकोड़ी के बारे में और जानने के लिए वीडियो देखें।