कौसानी भारत का प्रसिद्ध एवं खूबसूरत दृश्यों से परिपूर्ण पर्वतीय पर्यटक स्थल है। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल, यहां आने वाले सैलानियों को अपनी सुंदरता और मनमोहक दृश्य से मंत्रमुग्ध कर देता है। कौसानी पिंग्नाथ चोटी पर बसा है। कौसानी हिल स्टेशन से हिमालय की पर्वतों की लंबी श्रृंखला के दर्शन किए जा सकते हैं। नंदादेवी, त्रिशूल और पंचाचूली जैसी पर्वत मालाओं के करीब से और बेहतर ढंग से दर्शन के लिए, सैलानी कौसानी की ओर रुख करते हैं।
1929 में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भी कौसानी का भ्रमण किया। गाँधी जी 12 दिन तक यहां रुके, और उन्होंने अपनी पुस्तक ‘अनाशक्ति योग’ की रचना इसी स्थान पर की।अपने प्रवास के दौरान गाँधी जी को कौसानी की खूबसूरती और शांत माहौल अत्याधिक भाया। महात्मा गाँधी ने कौसानी को “भारत का स्विट्जरलैंड” नामक उपाधि दी। जिस अतिथि ग्रह में गाँधी जी रुके थे, उसे अब अनाशक्ति आश्रम के रूप में जाना जाता है। अब यह आश्रम अध्ययन और शोध केंद्र के रूप में विकसित हो गया है।
कौसानी से पर्वत की चोटियों का अद्भुत नजारा मनमोह लेता है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और अद्भुत नजारे देख गाँधी जी ने कहा था- “अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है“।
कौसानी प्रसिद्ध हिंदी कवि सुमित्रानंदन पंत जी की जन्मभूमि भी है। उनका जन्म सन् 1900 में कौसानी में हुआ था। उन्होंने अपनी कविताओं में कौसानी के अलौकिक सौंदर्य, मनमोहक दृश्य, हरियाली, हरी-भरी घाटियों और पहाड़ों का वर्णन कर, इस जगह को विश्व में प्रसिद्ध कर दिया। सुमित्रानंदन पंत जी के जीवन से जुड़ी वस्तुओं के साथ-साथ उनकी कविताओं को संजोए रखने के लिए, कौसानी में सुमित्रानंदन पंत संग्रहालय स्थापित किया गया है। संग्रहालय में हर वर्ष उनका जन्मदिन मनाया जाता है।
कौसानी के बारे में कहा जाता है कि यहां कौशिक मुनि ने कठोर तप किया था। इसी वजह से इस स्थान का नाम कौसानी पड़ा।
कौसानी अलौकिक सौंदर्य से भरपूर पहाड़ियों और पर्वतों के अलावा मंदिरों, झीलों, आश्रमों और चाय के बागानों के लिए भी प्रसिद्ध है।
कौसानी के आस पास के स्थल–
अनाशक्ति आश्रम यहाँ का प्रसिद्ध आश्रम है। महात्मा गाँधी अपने कौसानी भ्रमण के दौरान ही रूके थे। यह आश्रम अब एक अध्ययन और शोध केंद्र के रूप में विकसित हो गया है।
पिनाकेश्वर महादेव मंदिर, शिव मंदिर, रुद्रधारी महादेव मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर और बैजनाथ मंदिर कौसानी के प्रमुख धार्मिक स्थल है।
कौसानी चाय बागान दुनिया भर में मशहूर है। यहां तरह- तरह की चाय पत्ती उगाई जाती है। यहां की प्रसिद्ध चाय पत्ती ‘गिरीयास टी’ है। इन बागानों की सैर करते समय पर्यटक खुद को कुदरत के एकदम करीब महसूस करते हैं।
अगर आप हिमालय पर्वत की खूबसूरती के साथ मनमोहक दृश्यों हरियाली और हरी-भरी घाटियों में मंत्र मुग्ध होना चाहते हो, तो कौसानी का भ्रमण एक बार अवश्य करें।
देखें कौसानी से जुड़ा video
उत्तरापीडिया के अपडेट पाने के लिए फ़ेसबुक पेज से जुड़ें।
3 Comments
Neeraj Bhojak
Nice work bhai…
Rohit
Thank You ese information share karne ke liye
Saurav
nice