ईमानदारी में जब विनम्रता जोड़ी जाती है तो, परिणाम आता है सम्मान

by Yashwant Pandey
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साल 2002
एक टेक्सटाइल कंपनी में, मैंने एग्जीक्यूटिव ट्रेनी के तौर पर ज्वाइन किया था। प्रशिक्षण के सिलसिले में दो सप्ताह के लिए लुधियाना सेल्स ऑफिस में था। अकाउंट्स – एचआर – वेयर हाउस इत्यादि में ट्रेनिंग कंप्लीट करके मैं सेल्स डिपार्टमेंट में पहुंचा। ब्रांच मैनेजर एक बहुत ही सुलझे हुए सज्जन थे। उन्हें 25 साल से अधिक का अनुभव था। उन्होंने सेल्स रिप्रेजेंटेटिव से कैरियर शुरू किया था, और तरक्की करते करते ब्रांच मैनेजर हो गए थे। कंपनी में भी बहुत इज्जत थी उनकी, सभी उनका नाम बड़े सम्मान से लेते थे। एक दिन मुझे लेकर मार्केट निकले, एक डीलर की दुकान के सामने गाड़ी रोकी। डीलर उन्हे देखते ही अपनी दुकान से बाहर आया, अपने दोनों हाथों से इनके दाहिने हाथ को पकड़ते हुए, दुकान के अंदर ले गया। तुरंत चाय की आर्डर प्लेस की, नाश्ते के लिए पूछा और बड़ी आत्मीयता के साथ आधे घंटे बातें की।

उसके बाद हम दूसरी दुकान में पहुंचे। वहां भी उसी तरह की इज्जत हुई। तीसरी दुकान में पहुंचते-पहुंचते 12:30 बज चुके  थे। दुकान स्वामी ने हमारे लिए खाना मंगवाया। इस तरह हम उस दिन 5 दुकानों का visit किया, और सभी दुकानों में क्या गजब की इज्जत थी उनकी। मार्केट में जिस डीलर के सामने उनकी गाड़ी रूकती, दुकानदार हाथ जोड़कर खड़ा हो जाता, बड़ी आत्मीयता से बातें करता, तुरंत चाय कॉफी कोल्ड ड्रिंक मंगवाता।

जहां दोपहर के समय पहुचते, वो वे बिना खाना खाए हिलने ना देता। शाम के समय वाले डीलर, समोसे कचोरी का आग्रह करने लगता। वह भी सभी को बड़े सम्मान देते, बहुत ही आत्मीयता से बात करते। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह एक कंपनी के ब्रांच मैनेजर हैं, और सामने वाला उनका डीलर। ऐसा लग रहा था कि बड़ा ही आत्मीय संबंध है दोनों के बीच में।

डीलर तो डीलर, वहाँ मौजूद स्टाफ कर्मी भी उन्हें बहुत सम्मान दे रहे थे। शाम को हम वापस लौटने लगे, मैंने उनसे कहा सर मार्केट में बड़ी आपकी इज्जत है। सभी लोग आपको इतना सम्मान देते हैं, जरूर कोई बात है। उनका कहना था, देखो बेटा कंपनियां तुम बदलते रहोगे, लेकिन यदि तुम किसी से भी मिलते हो वह चाहे छोटा डीलर हो, या बड़ा डीलर या डीलर का स्टाफ, आप उन्हें सम्मान दो, और वह सम्मान आपके दिल से होना चाहिए।

आप हमेशा win-win सिचुएशन की बात करो, और कोई आपसे अनड्यू एडवांटेज लेना चाहता है तो आप उन्हें विनम्रता से समझाने की कोशिश करो। उन्हें समझाओ कि अगर win-win सिचुएशन को फॉलो करते हैं, तो कंपनी के लिए भी अच्छी है, और उनके लिए भी अच्छी है win-win रिलेशनशिप पर ही आप long-term में काम कर सकते हैं। आप अपने इंटीग्रिटी से कभी भी समझौता मत करना।

कुछ लोग आपको करप्ट करने की कोशिश करेगें। वह आपको कमीशन देने की भी बात करेंगे, और जिस दिन भी आपने एक रूपये भी कमीशन ले ली, उस दिन आपकी इज्जत हमेशा के लिए समाप्त हो जायेगी। हमें घर चलाने के लिए सैलरी मिलती है। हम कमीशन एजेंट नहीं है, कंपनी एम्पलाई हैं। वह हमारा डीलर है, लेकिन वह एक entrepreneur भी है। प्रॉफिट पर हक उसका होता है, आप डेफिनेटली उसकी मदद करो, और अगर कोई आपको कमीशन देने की बात करें तो विनम्रता से मना कर दो।

आप मार्केट में जाते हो वह आपको चाय कॉफी पूछेंगे।  उसमें उसके पैसे लगते हैं, कभी आप उसके लिए भी कुछ लेकर जाओ। वह भी एक इंसान है। हमेशा याद रखना दुनिया में फ्री लंच नहीं मिलता है। इसलिए कोई भी ऋण मत रखना। थोड़े दिन के बाद मार्केट में आप की भी इज्जत होगी। कोई डीलर बिज़नस नहीं भी करेगा तो भी आपका सम्मान करेगा
ईमानदारी में जब विनम्रता जोड़ी जाती है तो, परिणाम आता है सम्मान।


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