Home UttaraPedia Special दीर्घ और स्वस्थ्य जीवन जीने के सूत्र

दीर्घ और स्वस्थ्य जीवन जीने के सूत्र

by Swati Khandelwal
formula for healthy life

गौतम बुद्ध ने कहा है “हर मनुष्य अपने स्वास्थ्य का खुद ही लेखक होता है”।

दीर्घ जीवन जीना और अच्छा जीवन जीना हमारे नित्य दिन के क्रियाकलाप पर निर्भर है। स्वस्थ जीवन ही हमारे सुंदर भविष्य की आधारशिला है।

यदि हम दीर्घ जीवन जीना चाहते हैं तो कुछ गुणों को अपने जीवन में उतार कर यह आसानी से पूरा कर सकते हैं:

दालों को खाने में प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें। इसमें फाइबर होता है और इससे दिल का खतरा कम हो जाता है। दालों को खाने से रक्त प्रवाह में मदद मिलती है, रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।

  • रात को देर से खाना खाने से बचें। थोड़ा खाना खाने वाले आरोग्य, आयु, बल, सुख,सुंदर सौंदर्य प्राप्त करते हैं।
  • भोजन के तुरंत बाद चाय नहीं पीनी चाहिए।
  • शहद और घी का समान मात्रा में सेवन कभी नहीं करना चाहिए।
  • ज्यादा अदरक का प्रयोग करने से हमारी पाचन क्रिया प्रभावित होती है, और पेट संबंधी रोगों को भी बढ़ावा मिलता है। इससे एसिडिटी, अनिद्रा, पित्त की पथरी और डायबिटीज की समस्या बड सकती है।
  • नाश्ते में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां, फल, अंकुरित मोठ चना, चपाती, दाल, दूध और दही का प्रयोग करें। खाली पेट घर से कभी ना निकले।
  • स्वास्थ्य के लिए  बादाम लाभकारी होता है। रोज कम से कम चार बादाम खाने से व्यस्क व बच्चों की स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • हल्दी का प्रयोग अपने खानपान  के साथ-साथ दूध में नित्य प्रयोग करें। जुखाम में हल्दी का प्रयोग बहुत लाभदायक है।
  • दिन में 7 चम्मच के बराबर से अधिक चीनी का प्रयोग ना करें।
  • विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। हर रोज सुबह कम से कम 10:00 बजे से पहले और साएं 4:00 बजे के बाद 40 मिनट धूप में जरूर बताएं।
  • ना ज्यादा मीठा और ना ज्यादा नमकीन खाए। चीनी का  ज्यादा प्रयोग स्तन कैंसर का एक बहुत बड़ा कारण बनता है।
  • पपीते का प्रयोग अपने नाश्ते के साथ जरूर करें क्योंकि इसमें फाइबर सबसे अधिक होता है।
  • आटे का प्रयोग करते समय चोकर युक्त आटे का इस्तेमाल करें तथा हरी सब्जियां तोरई, पालक, कद्दू, टिंडा ,आंवला, नींबू और पुदीने को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।
  • स्वस्थ रहने के लिए नारियल पानी, पपीता, अनार, सेब और एलोवेरा के जूस का उपयोग करें।
  • सुबह उठने के बाद सबसे पहले अपने हाथों की हथेलियों को रगड़े और उनको अपनी आंखों पर रखें, जब  हम हथेली रगड़ते हैं तो सभी नाड़ियां सक्रिय हो जाती हैं और शरीर तत्काल सजग हो जाता है।

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