Short, sweet and salty Life experiences

विचारों के बंधन का साथ उसने छोड़ दिया (कविता)
विचारों के बंधन का साथ उसने छोड़ दिया, जब विचारों ने उसे, उसके ख़यालों में उसे तोड़ दिया। पसीने से भीगा जो बैठा छ...

अपड़ु मुलुक अपड़ी भाषा (हिंदी – गढ़वाली कविता)
आजकल गांव से शहरों में भाग रहे हैं लोग,और सब को लगता है कि अब जाग रहे हैं लोग।अपड़ी कूड़ी पूंगड़ी छोड़ के फ्लैट म...

वो बारिश में बाहर निकलता था
वो बारिशों में बाहर निकलता था दिख ना जाएँ दिल का दर्द, जो आंखो से छलकता था, इन आंखो की मासूमियत के जाहिर होने...

असोज और ये जीवन
कुछेक दिनों में ‘असोज’ लग जायेगा। भारतीय ग्रामीण समाज में असोज का अलग ही स्थान है। असोज ख़ाली एक महीना नहीं बल...

“मैं” और “एक और मैं”
मेरा मानना था जिंदगी बहुत छोटी है, उसका ख्याल था कि बहुत लम्बी। मेरा मानना था कि जितना कम जानोगे उतना खुश रहोग...

सब ठीक हो जायेगा लेकिन…
सारी संभावनाओं के बीच आवाज आयी- “अबे टेंशन मत लो, सब ठीक हो जायेगा”। ठीक है, आप कहते हो तो ऐसा ही...

आहा से ओह तक
डायरी के पन्नो से मित्र के साथ स्कूल से तीसरे period के बाद भाग के घर को चले आना, बरसातों के मौसम में, अलग अलग...

पहले प्यार से लेकर आखिरी प्यार के भी बाद की कहानी
किस्सा है – सच्चा थोड़ा सा, अच्छा थोड़ा सा, जिंदगी के कई किस्सो की कहानी है। पहला प्यार उसे तब हो गया था ज...
विचारों के बंधन का साथ उसने छोड़ दिया, जब विचारों ने उसे, उसके ख़यालों में उसे तोड़ दिया। पसीने से भीगा जो बैठा छाँव में सुखाने, हवाओं ने भी अपना रुख मोड दिया। नाकाम जिंदगी के ख्याल से जो गुजरा... Read more
आजकल गांव से शहरों में भाग रहे हैं लोग,और सब को लगता है कि अब जाग रहे हैं लोग।अपड़ी कूड़ी पूंगड़ी छोड़ के फ्लैट में रह रहे हैं,किराए के मकान में अपड़ी कमाई फूक रहे हैं लोग। घर में जो प्रणाम बौडा... Read more
वो बारिशों में बाहर निकलता था दिख ना जाएँ दिल का दर्द, जो आंखो से छलकता था, इन आंखो की मासूमियत के जाहिर होने से डरता था, सो वो बारिश में बाहर निकलता था। चलता था, थकता था, रुकता था, फिर से व... Read more
कुछेक दिनों में ‘असोज’ लग जायेगा। भारतीय ग्रामीण समाज में असोज का अलग ही स्थान है। असोज ख़ाली एक महीना नहीं बल्कि अपने आप में एक पड़ाव है, जिसमें घास के लूटों से लेकर, मकान की मरम्मत, बेटी क... Read more
मेरा मानना था जिंदगी बहुत छोटी है, उसका ख्याल था कि बहुत लम्बी। मेरा मानना था कि जितना कम जानोगे उतना खुश रहोगे, उसकी कोशिश अधिकतर चीजों को जानने की रहती थी। मुझे जिंदगी से ज्यादा पाने के चा... Read more
सारी संभावनाओं के बीच आवाज आयी- “अबे टेंशन मत लो, सब ठीक हो जायेगा”। ठीक है, आप कहते हो तो ऐसा ही कर लेते हैं। बड़ी दुविधा है साहब; एक तरफ संभावनाओं की तलाश में जीवन व्यर्थ करने क... Read more
डायरी के पन्नो से मित्र के साथ स्कूल से तीसरे period के बाद भाग के घर को चले आना, बरसातों के मौसम में, अलग अलग घरों से, रास्ते में आयी बेलो में लगी लौकी, ककड़ी, कद्दू को तोड़ कर फेंक देना (यहा... Read more
किस्सा है – सच्चा थोड़ा सा, अच्छा थोड़ा सा, जिंदगी के कई किस्सो की कहानी है। पहला प्यार उसे तब हो गया था जब वो तीसरी में पढता था। स्कूल में बस उसकी एक झलक देख लेने से ही उसका मन पढाई में... Read more
आज अधिकतर लोग स्वच्छता को अपना चुके है अपने आस पास सफाई रखना पसंद करते है और दुसरो को प्रेरित करते हैं – लेकिन फिर भी कुछ थोड़े से लोग, ऐसे है – जिनकी वजह से यहाँ वहां गन्दगी दिख... Read more