
Rajesh Budhalakoti Articles 17
अल्मोडा कॉलेज से post graduation कर सार्वजनिक उपक्रम मे विपणन प्रबन्धक रह कर देश के कई स्थानो मे रहा, अब सेवा निवृति के उपरान्त हल्द्वानी मे रह रहा हूँ। मूल निवास कोटाबाग। पढाई अल्मोडा और नैनीताल से। रूचि - पढ़ना और पढ़ाना
बचपन की यादों मे नैनीताल के साउथ वूड कोटेज की हल्की हल्की यादे अब तक साथ निभा रही हैं। बाबुजी अल्मोडा मे कार्यरत थे, और हम दोनो भाई एडम्स स्कूल मे पढ़ते थे। गर्मियों का अवकाश विशेष होता, क्य... Read more
जनाब, सात आठ माह से पुत्र से न मिल पाने की विवशता, श्रीमतीजी का पुत्र मोह, पुत्र के रहन सहन, खाने पीने की व्यवस्था को देखने की उत्सुकता लिये जाड़ों के सीमित अवकाश में जाने का कार्य क्रम बना औ... Read more
भगत सिंह का बलिदान, लोकतंत्र के वर्तमान स्वरुप पे हो गया कुर्बान, युवा पर लिख कर बेरोजगार, भाई भतीजावाद का बेख़ौफ़ कारोबार, अमीर दिन रात चौगुनी उन्नति करे, गरीब फाके कर रोटी के जुगाड़ में मरे... Read more
जब मन ने विचारों के समुद्र में गोते लगाये, गहरे पानी पैठ शब्दों के दो मोती पाए। फिर कल्पना के आकाश में ऊँची उडान भरी, सुंदर भावो के धागे में वो मोती पिराये। मन तब सुंदर विषय के लिए भटका, सुं... Read more
चम्पानौला का तिमंजिला मकान, मेरी दिल्ली वाली बुआ के ससुराल वालों का था, और हम लोग उस मकान के पाँच कमरों मे साठ रुपये महीने के किरायेदार थे। बीच वाली मंजिल मे देबी बुआ, सबसे ऊप्पर सांगुड़ी जी... Read more
मित्रो फ़ायदे हो चाहे हजारो लाखो का नुकसान हो पर राजमार्गो के ठेके बन्द होने से एक शून्य तो अवश्य व्याप्त हो गया है। एक सुनसानी का आलम, न कोई हलचल न कोई रौनक, एक उदासी सी छा गयी है। पहले मुख... Read more
जनाब लॉकडाउन मे इन्तजार जिन दुकानो के खुलने का था, उन दुकानो के खोलने पर मोदी जी के साफ़ निर्देश आ गये है कि, ब्युटी पार्लर, नाई की दुकान और शराब खाने रेड, ग्रीन, ओरेन्ज या येलो जोनों मे से क... Read more
सुबह होती है शाम होती है उम्र यू ही तमाम होती है। ब सच में ये ही लगने लगा है के बस हमारी जिंदगी भी सुबह और शामो को गिनते गिनते बीत जायेगी, हम भी सुधार, व्यवस्था, मूलभूत सुविधा, जन सरोकार के... Read more
जनाब जिंदगी मे हमारे अफ़साने बनना तो तय था लेकिन कभी सोचा नही था के हमारे दांतों के भी इतने अफ़साने बन जायेगे कि आप लोगो से साझा किये बिना मन न मानेगा। हमारे बाबूजी डॉक्टर के पास जाने मे बहु... Read more
हमेशा भूल कर देता हू मैं। बाजार से सामान लाना हो, या पूर्णमासी की पूजा का प्रसाद, प्रियजनों तक पहुचाना हो, हमेशा भूल कर देता हूँ मैं। तुम्हारी दी गयी लिस्ट का जरुरी सामान याद नहीं रहता, उस ल... Read more