उत्तराखंड में सर्दियों के कुछ खूबसूरत डेस्टिनेशन

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winter in uttarakhand

उत्तराखंड मे सर्दियों  का मौसम  बेहद स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ – यहाँ   हिमालय और घाटियों के सुन्दर लैंडस्केप सभी को अपनी और आकर्षित करते हैं। उत्तराखंड  में गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्र  में अनेकों सुन्दर स्थल हैं, जहाँ सर्दियों का आनंद लिया जा सकता है।

गढ़वाल में सर्दियों में समय बिताने के लिए पर्यटकों के कुछ पसंदीदा स्थल

औली :  गर्मियों के साथ उत्तराखंड में सर्दियों में घूमने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक है, सर्दियों  में  बेहद ठंडी यैह  जगह, प्राकर्तिक सुंदरता का आनंद  लेने और साह्सिक गलिविधियां के लिए आइडियल मानी  जाती  हैं। नवंबर से फ़रवरी के मध्य यहाँ कई बार अच्छी बर्फ़ गिरती  होती हैं। औली समुद्र तल से 2,500 से 3,050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

स्कीइंग, कैंपिंग, ट्रैकिंग  का आनंद लेने और ठंडी जगह में अपना हॉलिडे प्लान करने वालों के लिए ये एक खूबूसरत डेस्टिनेशन  हैं, इस मौसम में हिमालय श्रृंखलाएं  – नंदा देवी, कामेत, सहित कई बर्फ से ढकी चोटियां मन को मोह लेती हैं। यहाँ  पहुंचने  के लिए –  हवाई मार्ग से: जॉली ग्रांट (279 किमी दूर) निकटतम हवाई अड्डा है। ऋषिकेश हवाई अड्डे  से औली तक टैक्सी से  आ सकते हैं। रेल द्वारा: ऋषिकेश के पास निकटतम रेलहेड रायवाला  है। (250 किमी दूर) सड़क मार्ग से: जोशीमठ और ऋषिकेश के बीच नियमित रूप से बसें चलती हैं। औली से जोशीमठ लगभग 15 किमी हैं।

औली चारधाम यात्रा मार्ग में हैं – इसलिए रोड्स कई जगह पर बन रहीं हैं, जिससे ख़राब रोड भी रास्ते में मिल सकती हैं, जिन्हे सावधानी से धीरे -२ ड्राइव करें। यहाँ  स्कीइंग, ट्रेकिंग, केबल कार, और कैंपिंग आदि का अनुभव पर्यटकों  की यात्रा को  यादगार  बना सकते हैं.

कहाँ ठहरें!  औली जाने वाले यात्री औली  के साथ जोशीमठ में भी ठहर सकते हैं, जोशीमठ  से औली की दूरी  लगभग 10 किलोमीटर हैं, जोशीमठ बद्रीनाथ मार्ग में –   बद्रीनाथ धाम  से ४५ किलोमीटर पहले  हैं, शीतकाल में बद्रीनाथ धाम का मार्ग और मंदिर  –  अत्यधिक बर्फ़ के कारण बंद रहते  हैं,  जो हर वर्ष  अप्रैल के अंत  अथवा  मई के  प्रारम्भ  में तिथियों  के अनुसार खुलते हैं।

जोशीमठ से औली  तक रोपवे केबल  कार  से भी पंहुचा जा सकता हैं, आने जाने की राउंड  ट्रिप  का वर्तमान  में  किराया  1000 रुपए  हैं, केबल कार से औली पहुंचने में 10-12 मिनट का समय लगता हैं।

औली और जोशीमठ में  गढ़वाल मंडल विकास निगम के आरामदायक रेस्ट हाउस के साथ यहाँ कई निजी अतिथिगृह भी उपलब्ध  हैं। औली की तुलना में जोशीमठ में होटल काम कीमत में मिल जाते हैं।

शीतकाल में औली और पहाड़ों में ऊँची जगहों में अत्यधिक ठण्ड रहती  हैं, इसलिए अपने साथ भारी गर्म कपडे, शाल, थर्मल वियर भी रखें और अपनी  यात्रा दिन के समय करने को प्राथमिकता दें. शाम होने से पहले किसी होटल या लॉज  में रुक जाएँ, दिसम्बर और जनवरी में सुबह और  शाम अत्यधिक ठंडी  होती  हैं, तापमान कई बार शुन्य से भी नीचे रहता हैं, और स्नोफॉल के समय आ रहें हो तो – अपनी छुट्टियों में 2-3  दिन अतिरिक्त रखे, मोटरेबल रोड में अधिक बर्फ गिरने के कारण रोड कुछ दिन बंद रह सकती हैं.

औली नाम से एक जगह हिमांचल प्रदेश में भी  हैं,इसलिए इंटरनेट में जब औली सर्च करें तो साथ में उत्तराखंड अथवा जोशीमठ भी लिखें।

चोपता : चोपता  उत्तराखंड में गढ़वाल क्षेत्र में ही ओली से लगभग  105  किलोमीटर दूर एक सुन्दर प्राकर्तिक सुरम्यता से भरा हिल डेस्टिनेशन  हैं, ठन्डे मौसम का आनंद लेने के एक और सुन्दर शांत और ट्रैकिंग प्रेमियों के आदर्श स्थल हैं।

चोपता के बारे में गूगल मैप में सर्च  करने से पूर्व ध्यान रखें – फिलहाल गूगल मैप में चोपता की सही डिस्टेंस नहीं दिखाई देती. रुद्रपयाग से चोपता 70  किलोमीटर से ज्यादा   हैं,जब की गूगल मैप  इस दुरी को 25 किलोमीटर से भी कम दिखाता हैं, आप चोपता की जगह तुंगनाथ  से  दुरी सर्च करें तो ज्यादा एक्यूरेट इनफार्मेशन मिलेगी, हलाकि तुंगनाथ तुंगनाथ  रोड नहीं हैं, और वहां चोपता से 4 से 5 किलोमीटर का ट्रेक कर वहां पहुंचना होता है।

चोपता ऊखीमठ से 29 किलोमीटर, ऋषिकेश से लगभग 180 किलोमीटर, ऋषिकेश चोपता पंहुचने के लिए निकटम रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट  हैं, और  और राजधानी दिल्ली से लगभग 450 किलोमीटर दूर है।

चोपता की समुद्र तल से ऊंचाई – 2680 मीटर की ऊंचाई में स्थित है। चोपता की गढ़वाल में नज़दीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश से दुरी – 165 किलोमीटर  हैं, वहीँ  कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित नजदीकी रेलवे स्टेशन – काठगोदाम, चोपता से लगभग 290 किलोमीटर की दूरी पर है।

शहरी जीवन की भागदौड़ के विपरीत यहाँ आम जीवन – सामान्य गति  से चलता हैं, ठहराव और शांति  को जीने के लिए यह एक आदर्श डेस्टिनेशन हैं.

चोपता उत्तराखंड में लेस एक्सप्लोरेड ब्यूटीफुल डेस्टिनेशंस में गिना जाता है। तुंगनाथ और चंद्रशिला ट्रेक करने के साथ फोटोग्राफी, कैंपिंग के लिए भी यह बेहतरीन समय हैं. चोपता से तुंगनाथ और चंद्रशिला का भी ट्रेक किया जाता हैं, शीतकाल के लिए तुंगनाथ मंदिर बंद हो जाता हैं, इस समय भगवान शिव की आराधना चोपता के निकट मक्कूमठ में होती हैं।

चोपता में ठहरने के लिए कई कैंपिंग साइट्स  हैं, चोपता  में आने के लिए अपने साथ  गर्म कपडे रखें। गढ़वाल के बाद २ ऐसी जगह कुमाऊँ की  – जो वाइल्डलाइफ और नेचर को experience करने के लिए जानी जाती हैं।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क

नैनीताल जिले में स्थित जिम कॉर्बेट पार्क, सर्दियों के मौसम में उत्तराखंड में सर्वाधिक विजिट किये जाने वाली जगहों में से एक हैं. कॉर्बेट सफारी के लिए मुख्य गेट्स हर वर्ष १५ नवंबर से १५ जून के तक बरसात शुरू होने से पूर्व  खुलते हैं. लगभग 521 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले फारेस्ट एरिया को मुख्य रूप से  रॉयल बंगाल टाइगर के लिए जाना जाता हैं. इसके अलावा अन्य वन्य प्राणी और विभिन्न प्रजातियो के पक्षी यहाँ देखे जा सकते हैं।

ढिकाला,  बिजरानी, झिरना, ढेला और सोननदी जोन में ठहरने के लिए फारेस्ट रेस्ट हाउस हैं. जिनकी एडवांस में बुकिंग करानी होती हैं,  जिसके लिए फारेस्ट की ऑनलाइन बुकिंग वेबसाइट हैं। इस वेबसाइट में जाकर बुकिंग करा सकते है। https://www.corbettonline.uk.gov.in/

इसके अतिरिक्त यहाँ कॉर्बेट फारेस्ट की  सीमा से लगे सैकड़ो लक्ज़री और  बजट  होटल्स, रिसॉर्ट्स हैं, हैं, जहाँ  रात्रि विश्राम किया जा सकता  हैं, कॉर्बेट फारेस्ट के अंदर  घूमने  के लिए  जंगल  सफारी  बुक कराई जा सकती हैं, जिसे  कॉर्बेट रिज़र्व  फारेस्ट  की ऑफिसियल  वेबसाइट  से ऑनलाइन  भी कराया  जा सकता हैं, जिसके लिए किसीस्थानीय ट्रेवल एजेंट अथवा होटल रिसोर्ट – जहाँ आप रुकें उनकीभी सहायता ली जा सकती हैं. कॉर्बेट क्षेत्र में काफी दर्शनीय स्थल हैं।

कॉर्बेट फारेस्ट  जंगल  पहाड़ियों से घिरा, पहाड़ियों  से आती  ठंडी  हवाएं  सर्दियों में सुबह और  शाम मौसम  को ठंडा कर देती हैं, इसलिए पर्याप्त  गर्म  कपडे अपने साथ रखें।

कैसे पहुचें: हवाई मार्ग से: रामनगर से  पंतनगर हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है, जो लगभग 50 किमी दूर है। रामनगर से कॉर्बेट की दुरी 12 किलोमीटर है।

रेल द्वारा: रामनगर में (कॉर्बेट से 12 किमी) निकटतम रेलहेड है। इसके अलावा निकटवर्ती रेलवे स्टेशन काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, काठगोदाम तक भी ट्रैन से आकर –  टैक्सी अथवा बस द्वारा रामनगर पंहुचा जा सकता हैं.

सड़क मार्ग से आने के : रामनगर तक बसें दिल्ली, देहरादून, नैनीताल, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम आदि स्थानों से उपलब्ध हैं। दिल्ली से रामननर की दूरी 267 किलोमीटर और नैनीताल से 64  किलोमीटर हैं.

कुमाऊँ में अन्य खुबसूरत विंटर डेस्टिनेशन हैं :

बिनसर – उत्तरखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में बिनसर सेंचुरी – ठण्ड के मौसम  आनंद लेने, बर्डवाचिंग, एकांत एवं प्रकृति प्रेमियों के स्वर्ग से कुछ कम भी नहीं  हैं. बिनसर। बिनसर की समुद्र ताल से ऊंचाई 2,412 मीटर है।  अल्मोड़ा जिले में अल्मोड़ा से लगभग 24 किलोमीटर दूर बिनसर के निकटम रेलवे स्टेशन काठगोदाम* (110 किलोमीटर) और एयरपोर्ट पंतनगर (144 किलोमीटर) की दूरी पर हैं। अल्मोड़ा तक काठगोदाम, हल्द्वानी, दिल्ली देहरादून और दूसरे कई शहरों से नियमति अंतराल पर बस चलती  और अल्मोड़ा से टैक्सी से बिनसर तक पंहुचा जा सकता हैं। यहाँ नवंबर से जनवरी के मध्य सर्दियों में कई बार स्नो फॉल भी होता हैं, यहाँ से हिमालय की वृहद् श्रृंखलाएं देखी जा सकती हैं।

बिनसर सेंचुरी की सीमा के अंदर KMVN के टूरिस्ट रेस्ट हाउस के अतिरिक्त कुछ गिने चुने  रिट्रीट, रिसोर्ट हैं। बिनसर आने वाले पर्यटक – सेंचुरी के बाहर स्थित होटल्स में भी रुकते हैं  –  पपरसैली और कसारदेवी नाम की जगह से हर बजट के होटल, रिसोर्ट, गेस्ट हाउस  मिलने शुरू हो जाते हैं, जिनकी जानकारी गूगल के साथ होटल्स बुकिंग कराने वाली विभिन्न वेबसाइस अथवा मोबाइल ऐप्स से ली जा सकती  हैं। साथ ही इस लिंक से भी आप अल्मोड़ा के होटल्स की जानकारी ले सकते है।

https://www.almoraonline.com

कसारदेवी भी बेहद खूबसूरत स्थल हैं यहाँ भी रूककर बिनसर अभ्यारण्य में घूमने जाया जा सकता हैं. इसके अतिरित्क बिनसर का निकट बहुत से दर्शयनीय स्थल हैं जो आपकी छुट्टियों को जीवनके लिए यादगार बना देंगे। बिनसर में – ट्रेकिंग, हाईकिंग, विलेज वाक, फोटोग्राफी, बर्डवाचिंग का भी आनंद लिया जा सकता हैं।

इन डेस्टिनेशंस के अलावा अनेकों उत्तराखंड में अनेकों ऐसे अतुलनीय डेस्टिनेशंस हैं, जहाँ विंटर्स में क्वालिटी टाइम समय बिताया जा सकता हैं अगर आप और भी विंटर डेस्टिनेशंस के बारे में जानना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में बताये हम इस सीरीज को आगे बढ़ाएंगे.

विंटर्स में उत्तरखंड आ रहें हैं तो यहाँ की सीजनल फ्रूट – नीबूं, माल्टा और संतरों का स्वाद लेना न भूलें, ठण्ड के दिनों में नूट्रिशिएंस से भरा उत्तरखंड का स्थानीय भोजन का स्वाद भी जरूर लें।

उम्मीद हैं – यह लेख आपको पसंद आया होगा अपने फीडबैक हमें और शेयर करके अपने  मित्रों को भी उत्तराखंड के कुछ बेहतरीन  विंटर्स डेस्टिनेशनस के बारे में बताएं। इस लेख से जुड़ा यह वीडियो भी देख सकते है। उत्तराखंड से जुड़े और भी वीडियो देखने के लिए पॉपकॉर्न ट्रिप चैंनल को यहाँ पर क्लिक कर सब्सक्राइब भी कर सकते है।