उत्तराखंड के टिहरी जिले में बना देश का सबसे लंबा सस्पेंशन ब्रिज डोबरा-चांठी आज से जनता के लिए खुल गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज डोबरा-चांठी पुल का उद्घाटन किया।
डोबरा-चांठी पुल देश का पहला ऐसा झूला पुल है, जिसकी लंबाई 725 मीटर है और जो भारी वाहन चलाने लायक बना है। यह पुल समुद्रतल से 850 मीटर की ऊंचाई पर बना है। इसके बनने के बाद भी टिहरी झील को अधिकतम आरएल 830 मीटर तक भरा जा सकता है।
पुल की चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें से साढ़े पांच मीटर पर वाहन चलेंगे। बाकी के डेढ़ मीटर पर पुल के दोनों तरफ 75-75 सेंटीमीटर फुटपाथ बनाए गए हैं। पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है, जिसमें से 440 मीटर झूला पुल है। वहीं 260 मीटर डोबरा साइड और 25 मीटर का एप्रोच पुल चांठी की तरफ बनाया गया है। पुल के दोनों किनारों पर 58-58 मीटर ऊंचे चार टॉवर निर्मित हैं।
इस मौके पर सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि इस ब्रिज से टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र की करीब ढाई लाख की आबादी को फायदा मिलेगा। प्रतापनगर के लोगों ने इसके लिए लंबे समय तक इंतजार किया। राज्य स्थापना दिवस पर ये उनके लिए सौगात है। अब लोगों को टिहरी जाने के लिए लंबा रास्ता तय नहीं करना पड़ेगा।
इस पुल को आकर्षक भी बनाया गया है। जिससे ये पर्यटन का केंद्र भी बनेगा। इस पुल पर आधुनिक तकनीकी से मल्टी कलर लाइटिंग भी की गई है। जिससे यह बेहद ही खूबसूरत नजर आता है।
शुरूआती दौर से ही यह पुल विवादों में रहा। जनता के संघर्षों से बने पुल से झील बनने के कारण अलग-थलग पड़े प्रतापनगर वासियों के लिए पुल जीवन रेखा का काम करेगा। प्रतापनगर के लोगों को अब 50-60 किमी अतिरिक्त सफर तय नहीं करना पड़ेगा।
बता दें कि वर्ष 2005 में टिहरी बांध की झील के भरने के कारण प्रतापनगर के आवागमन के रास्ते बंद हो गए थे, जिसके चलते लोगों ने लंबे समय तक लंबगांव, ओखलाखाल से लेकर कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में प्रभावितों ने धरना-प्रदर्शन शुरू किया। भारी जन दबाव के कारण तत्कालीन सीएम नारायण दत्त तिवारी ने पुल की स्वीकृति थी।