प्रदेश के कई स्कूलों में शिक्षक और बच्चों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद अभिभावक डरे हुए हैं। उन्होंने स्कूल 30 नवंबर तक के लिए बंद करने की मांग की है। नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) ने शुक्रवार को इसके लिए डीएम को ज्ञापन भेजा। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि अभिभावकों के लगातार विरोध के बावजूद सरकार ने निजी स्कूलों के दबाव में दो नवंबर से स्कूल खोल दिए। निजी स्कूल बेहद कम खुले। मगर सरकारी स्कूल बिना तैयारियों के ही खुल गए। जिस कारण वहां रोजाना कोई ना कोई शिक्षक या बच्चा संक्रमित हो रहा है।
ऐसे में ये बच्चों की जान से खिलवाड़ होगा। इसे देखते हुए तत्काल स्कूल 30 नवंबर तक के लिए बंद किए जाएं। अगर स्कूल बंद नहीं किया जाता है तो अभिभावक अगले सप्ताह से आंदोलन शुरू कर देंगे। साथ ही स्कूलों में तालेबंदी के साथ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
टीचर ही सुरक्षित नहीं तो क्यों खोले स्कूल
देहरादून। प्रदेश के कई स्कूलों में टीचरों के कोरोना पॉजिटिव मिलने से जहां विभाग में हड़कंप है वहीं अभिभावकों में भी दहशत है। अभिभावक एकता समिति के अध्यक्ष लव चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग और सरकार अभिभावकों पर बच्चे स्कूल भेजने को दबाव बना रहे हैं।
जब सरकार के पास टीचरों के ही टेस्ट की व्यवस्था नहीं तो बच्चो की सुरक्षा क्या करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी स्कूलों के दबाव में विभाग ने सरकार को भी सुरक्षा को लेकर गुमराह किया। सिर्फ फीस के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि स्कूल 30 नवंबर तक बंद किये जाएं। नहीं तो समिति आंदोलन शुरू करेगी।
दिसंबर तक स्कूल बंद करे सरकार : कांग्रेस
देहरादून। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने सरकार से स्कूलों को दिसंबर अंत तक बंद रखने की मांग की। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में जोशी ने कहा कि राज्य में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।
पौड़ी में भी बड़ी संख्या में शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे छात्रों की सुरक्षा का खतरा और बढ़ गया है। ऐसे वक्त में जबकि संक्रमण बढ़ता नजर आ रहा है, स्कूलों को खोले रखना ठीक नहीं है। सरकार को चाहिए कि स्कूलों को तत्काल बंद करे। जनवरी 2021 में ही स्कूल खोलने पर विचार किया जाए।