Home TourismChar Dham Yatra गंगोत्री धाम

गंगोत्री धाम

by Sunaina Sharma

गंगोत्री धाम उत्तराखंड के चार धामों में से एक है। यह गंगा नदी का उद्गम स्थान है, जो उत्तरकाशी से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और यह समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

गोरखा कमांडर अमर सिंह द्वारा गंगोत्री मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में किया गया था, बाद में इस मंदिर का पुनर्निर्माण जयपुर राजघराने द्वारा किया गया था। गंगा मैया के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु प्रति वर्ष मई से अक्टूबर माह के बीच यहां आते हैं। प्रत्येक वर्ष अक्षय तृतीया के दिन मंदिर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं।

पहुंचने का मार्ग –

यदि आप वायुमार्ग से जाना चाहते है, तो देहरादून स्थित जौलीग्रांट सबसे निकटतम हवाई अड्डा है। (दूरी 226 किलोमीटर)

और यदि आप सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो यात्रा सीजन में मई से नवंबर तक नियमित अंतराल पर ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून से बस या टैक्सी चलती रहती है।

ऋषिकेश – नरेंद्र नगर – चंबा – न्यू टिहरी – धरासू बेंड – उत्तरकाशी – भटवाडी- हरसिल – गंगोत्री (270 किलोमीटर)

ऋषिकेश अथवा ऋषिकेश से 28 किलोमीटर दूर स्थित हरिद्वार में दिल्ली और देश के विभिन्न शहरों से सीधी ट्रेन आती है।

गंगोत्री से कुछ प्रमुख स्थानों की दूरी (किलोमीटर में)-

  • यमुनोत्री – 220 किलोमीटर
  • बद्रीनाथ – 426 किलोमीटर
  • केदारनाथ – 320 किलोमीटर
  • ऋषिकेश – 270 किलोमीटर
  • हरिद्वार – 293 किलोमीटर
  • देहरादून – 241 किलोमीटर
  • उत्तरकाशी – 100 किलोमीटर
  • टिहरी गढ़वाल – 202 किलोमीटर
  • न्यू दिल्ली – 487 किलोमीटर
  • नैनीताल (via द्वाराहाट-कर्णप्रयाग-उत्तरकाशी) – 490 किलोमीटर

गगोत्री रूट में दयारा बुग्याल के लिए भी रास्ता जाता है। यदि आपके पास समय हो तो वहां भी अवश्य जाए। दयारा बुग्याल बेहद खूबसूरत स्थल है।

गंगोत्री की सीमा शुरू होने से पहले नगर पंचायत द्वारा वाहनों की पार्किंग चार्ज के रूप में ₹50 लिए जाते हैं। मंदिर से 300-400 मीटर पहले वाहनों का पार्किंग स्थल है। दिव्यांगों की सुविधा के लिए यहां पर व्हीलचेयर भी उपलब्ध है।

गंगोत्री में पार्किंग स्थल के बाद दिखती है ऊंची ऊंची पहाड़ियां और चेहरे से टकराती हुई सर्द हवाएं आप महसूस कर सकते हैं। यह स्थान उत्तरकाशी से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

पार्किंग स्थल के बाद सड़क से चलते हुए मंदिर तक पहुंच सकते हैं। मंदिर के समीप दुकानों से प्रसाद व फूल अर्पित करने के लिए खरीदे जा सकता है। मंदिर के समीप ही यात्रियों के ठहरने के लिए गेस्ट हाउस और होटल मिल जाते हैं।

गंगोत्री से गोमुख तक पैदल मार्ग की दूरी 18 किलोमीटर है। गोमुख उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 13200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गोमुख को गौमुख या गोमुखी भी कहा जाता है। गोमुख गंगोत्री ग्लेशियर का टर्मिनस या पाउट है या हम यह भी कह सकते हैं कि गोमुख गंगा की प्रमुख नदियों में से भागीरथी नदी का प्रमुख श्रोत है।
देखिये गंगोत्री की जानकारी देता विडियो ?

You may also like

2 comments

Divya August 17, 2020 - 12:57 pm

Nice ?

Reply
Yash August 21, 2020 - 4:29 pm

एक प्रतियोगी छात्र आपसे उपेक्षा करता है कि आप अपनी वीडियो में अधिक से अधिक सामान्य ज्ञान का समायोजन करें और ऐसे सामान्य ज्ञान का समायोजन करें जो आज के बाजार में मिलने वाली सामान्य पुस्तकों में नहीं मिल पाता ??

Reply

Leave a Comment

-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00