भारत का पहला “ग्रीन रामायण पार्क”

by Mukesh Kabadwal
1.1K views


ramyan vatika

उत्तराखंड सरकार ने पिछले दिनों ग्रीन रामायण पार्क विकसित किया है। जो रामायण काल में प्रभु श्रीराम को उनके वनवास काल में मिली हुई विभिन्न वनस्पतियों की प्रजातियों को पार्क में लगाकर बनाया गया है। वाल्मीकि रामायण में कुल 139 वनस्पतियों की प्रजातियों का उल्लेख किया गया है। जिसमें से 90 फीसदी अभी भी मौजूद हैं। यह एक अलग तरह का पार्क विकसित करने की कोशिश की गई है। इससे धर्म आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ जैव विविधता को दर्शाने का प्रयास किया गया है।

यह पार्क उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में एक एकड़ भूमि पर बनाया गया है।


उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक (शोध क्षेत्र) संजीव चतुर्वेदी ने बताया था कि, इस पार्क को विकसित करने में 6 माह का समय लगा, इसे बनाने से पहले बहुत शोध कार्य किया गया, रामायण से संबंधित सभी धार्मिक किताबों का अध्ययन किया गया। यह इस तरह का भारत का पहला पार्क है। इसमें भगवान् राम ने वनवास काल में जो वनस्पतियां देखी थी उन्हें यहां पर लगाया गया है।

green ramayan park

जो भी पेड़ पौधे इस पार्क में लगाए गए हैं। साथ में उनकी खासियत उनसे सम्बन्धित श्लोक भी उस क्षेत्र में लिखे गए हैं।

इसे विकसित करना एक कठिन काम था, क्योकि भगवान राम ने अयोध्या से लंका तक कई तरह के वन देखे थे। वह बहुत से वनों से होकर गुजरे थे, उनमें से कुछ जो भारतीय उपमहाद्वीप में है जिसमें

चित्रकूट (उष्ण कटिबंधीय आद्र पर्णपाती वन)
दंडकारण्य (उष्ण कटिबंधीय आद्र पर्णपाती वन)
पंचवटी (उष्णकटिबन्धीय उपोष्ण क्षेत्र)
किष्किंधा (शुष्क और नम पर्णपाती)
अशोक वाटिका (सदाबहार) माता सीता से संबंधित है
द्रोणचल (अल्पाइन ) वन प्रभु हनुमान जी से संबंधित है। इत्यादि वन क्षेत्र है।

यह एक अलग तरह का प्रयास किया गया है, इससे इतिहास की जानकारी के साथ साथ जीव विविधता को बढ़ावा मिलेगा भारत सरकार पर्यटन को बढावा देने के लिए हर राज्य में कृष्णा सर्किट, रामायण सर्किट भी बनाने जा रही है। इससे धर्म आधारित पर्यटन के साथ साथ घरेलू पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और साथ साथ जीव विविधता के बारे में भी जानकारी मिलेगी।



Related Articles

Leave a Comment

-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.