मुक्तेश्वर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के नैनीताल ज़िले में स्थित एक गाँव और रमणीय पर्यटक स्थल है।
मुक्तेश्वर मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है जो भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। आपको बता दें कि यह मंदिर भारत का एक बेहद प्राचीन मंदिर है जो लगभग 350 साल पुराना है। मुक्तेश्वर मंदिर इस संसार की रचना करने वाले भगवान् शिव को समर्पित है। यह मंदिर मुक्तेश्वर में सबसे ऊँचे स्थान पर स्थित है और इस स्थान का नाम भी इस मंदिर के नाम पर रखा गया है। मुक्तेश्वर मंदिर की समुद्र तल से उंचाई लगभग 2312 मीटर है।
मन्दिर के पास चट्टानों में चौली की जाली है। इसे ‘चौथी की जाली’ भी कहते हैं। ये जगह मुक्तेश्वर मंदिर के साथ ही है। यहां भी पहाड़ की थोड़ी-सी चढ़ाई करके पहुंचा जा सकता है। ऐसा विश्वास है कि यहां देवी और राक्षस के बीच युद्ध हुआ था। ये एक पहाड़ की चोटी है जिसकी सबसे ऊपर वाली चट्टान पर एक गोल छेद है। कहा जाता है कि अगर कोई निःसंतान स्त्री इस छेद में से निकल जाए तो उसे संतान की प्राप्ति होती है। पहाड़ की चोटी से घाटी का सुंदर नजारा दिखता है।
अगर मौसम साफ हो तो मुक्तेश्वर में हिमालय की पर्वत चोटियों के पाछे से उगते सूरज का सुंदर नजारा देखा जा सकता है और नीलकंठ, नंदादेवी और त्रिशूल आदि पर्वतश्रेणियां भी देखी जा सकती हैं।
मुक्तेश्वर जाने का उचित समय
मुक्तेश्वर जाने का उचित समय मार्च से जून और अक्टूबर से नवंबर तक है। अगर गर्मियों में यहां जाएं तो हल्के ऊनी कपड़े और सर्दियों में जाएं तो भारी ऊनी कपड़े साथ ले जाएं। गर्मियों में यहां का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 15 डिग्री और सर्दियों में अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 0 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। जनवरी में यहां बर्फबारी भी हो जाती है। चूंकि मुक्तेश्वर एक छोटा-सा हिल स्टेशन है इसलिए यहां रहने और खाने के ढेर सारे ऑप्शन तो नहीं मिलेंगे पर रहने-खाने की कोई परेशानी भी नहीं होती है। मुक्तेश्वर के आस-पास देखने के लिए ढेर सारी जगह हैं। यहां से अल्मोड़ा, बिन्सर और नैनीताल पास ही हैं। अगर चाहें तो मुक्तेश्वर जाते हुए या मुक्तेश्वर से वापिस आते हुए भीमताल पर बोटिंग का आनंद लिया जा सकता है।
मुक्तेश्वर महादेव मंदिर
मुक्तेश्वर के धार्मिक स्थलों में सबसे प्रमुख स्थान पर मुक्तेश्वर महादेव मंदिर का नाम आता है। समुद्र तल से 7500 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर पहाड़ी चोटी पर बनी हुई है। यह मंदिर भगवान शिव जी को समर्पित है लेकिन जब आप मंदिर में प्रवेश करते हैं तो आपको मंदिर में भगवान शिव जी की प्रतिमा के साथ भगवान विष्णु, पार्वती एवं हनुमान जी की प्रतिमा के साथ अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी दिखाई देती है।
चौली की जाली
मुक्तेश्वर मंदिर के पीछे यानी कि थोड़ी सी दूरी पर स्थित चौली की जाली मुक्तेश्वर में घूमने के लिए एक अच्छी जगह है जो कि अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए काफी प्रसिद्ध है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको इस खूबसूरती जगह के दर्शन जरूर करना चाहिए।
आवागमन
रेलमार्ग से जाना चाहें तो दिल्ली से काठगोदाम तक सीधी रेल सेवा है। काठगोदाम से आगे मुक्तेश्वर तक का 73 किलोमीटर का सफर पूरा करने के लिए काठगोदाम से ही बस या टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं। अगर वायु मार्ग से जाना चाहें तो नजदीकी हवाईअड्डा पंतनगर है जो मुक्तेश्वर से लगभग 100 किलोमीटर पहले है।
मुक्तेश्वर पर बना वीडियो देखे
मुक्तेश्वर आते हुवे रास्ते मे आपको बहुत सारे होटल्स मिलते है जहा पर आप रुक सकते है।