अल्मोड़ा दो दशक पहले!
तब लोग मिलन चौक में लाला बाजार से थाना बाजार तक तो लगभग रोज ही घूम आते। अब भी शायद जाते हों। यह हैं अल्मोड़ा का मशहूर मिलन चौक, नाम के अनुरूप...
मां नंदा सुनंदा लौटी अपने ससुराल, भक्तों ने दी माता को अश्रुपूर्ण विदाई
मां नंदा-सुनंदा लौटी अपने ससुराल, भक्तों ने दी माता को अश्रुपूर्ण विदाई।
नैनीताल। कुमाऊं में कुलदेवी के रूप में पूजी जाने वाली मां नंद-सुनंदा अष्टमी...
मैं हल्द्वानी हूँ, लोग कहते है – मैं बदल गया हूँ, और मैं (हल्द्वानी)...
अपने - अपने नज़रिये से तो हम शहर को देखते और बाते करते है। पर एक शहर कैसे सोचता होगा - इसकी कल्पना कर...
न्याय के देव – दुनिया भर से लोग यहाँ मनोकामना पूर्ति हेतु अर्जियां भेजते...
गोलू देवता या भगवान गोलू भारत के उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक भगवान हैं और उनके देवता हैं।
चितई गोलू देवता मंदिर देवता...
इंतजार करती थकती बूढी आँखें, और लौट कर ना आती जवां खवाहिशे
मेरा आज का विषय पलायन से जुड़ा हुआ है।
ये वर्ष 2000 की बात है मैं अपने पैतृक घर गंगोलीहाट ईष्ट की पूजा के लिए...
देवभूमि का लोकपर्व – सातूँ आठूँ (बिरुड़) पर्व
देवभूमि उत्तराखंड में कई ऐतिहासिक पर्व मनाए जाते हैं। उनमें से एक लोकप्रिय पर्व है सातूँ आठूँ( गौरा-महेश पूजा)। कुमाऊं में मनाया जाने वाला...
जंगली जानवरों से खेती को होते नुकसान को देखकर किसानों का मोह भंग हो...
भारत जैसा देश जिसको कहा जाता है कि - यह देश गांव में बसता है, और जब गांव के किसान जी तोड़ मेहनत करते...
पढ़ाई कैसे हो जब व्यवस्था है ही नहीं? कैसे पढ़ेंगे बच्चे?
कोराना काल में सबसे ज्यादा किसी को नुकसान हो रहा है तो वो बच्चों का, चंपावत जिले में हर समय नेटवर्क की परेशानी रहती...
लखुउडियार शैलाश्रय अल्मोड़ा
हजारों वर्ष पूर्व, प्रागेतिहासिक युग के लोग कैसे रहते होंगे, जब आदमी पेड़ो और गुफाओं में रहा करता था। जब उसने पत्थरों से आग जलाना...
ऐपण कुमाऊँ की पारंपरिक कला
ऐपण या अल्पना एक लोक चित्रकला है। जिसका कुमाऊँ के घरों में एक विशेष स्थान है। ये उत्तराखण्ड की एक परम्परागत लोक चित्रकला है।...
हल्द्वानी मेरा शहर
नैनीताल जिले का शहर हल्द्वानी 1901 में 6000 लगभग की आबादी के साथ बसा था जो भाभर क्षेत्र का मुख्यालय हुआ करता था। यहाँ...
धरती पर स्वर्ग – कौसानी-भारत का स्विट्ज़रलैंड
कौसानी भारत का प्रसिद्ध एवं खूबसूरत दृश्यों से परिपूर्ण पर्वतीय पर्यटक स्थल है। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल, यहां...
कोरोना का रोना – किराया दोगुना
कोरोना, सन् 2020 की इस वैश्विक महामारी ने सभी देशों का ऐसा रोना किया है कि मुश्किल ही है कि पृथ्वी का कोई मानवयुक्त...
कैसे पड़े कुमाऊँ और गढ़वाल नाम
उत्तराखंड के दो मंडल कुमाऊँ और गढ़वाल इनके नाम कैसे पड़े आइए जानते हैं।
कुमाऊँ - कुमाऊँ शब्द की उत्पत्ति का कारण यह माना जाता...
नैनीताल खोजे जाने की कहानी
विश्व भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला स्थान, जो नाम अपने आप में खूबसूरती का पर्याय बन चुका है, ना जाने...
ऊर्जा का केंद्र – कसारदेवी शक्तिपीठ
देवभूमि उत्तराखंड में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनका ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व तो है ही, साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है। आज हम ऐसे...
कुमाऊँ क्षेत्र की एक रहस्यमयी गुफा
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रो में कई दिव्य शक्तियों से युक्त व क्रिया योगी साधु संत आज भी रहते हैं। हिमालय की चोटियों में अधिकतर...
पिथोरागढ़ के भूमि रक्षक, क्षेत्रपालक प्रसिद्ध गुफा एवं मंदिर – लटेश्वर” देव
आज हम आपको एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम "लटेश्वर" मंदिर है, लटेश्वर अथवा लाटेश्वर मंदिर "थलकेदार" से लगभग...
जागेश्वर महादेव – श्रावण में विशेष पर्व
इस लेख में है - अल्मोड़ा से जागेश्वर तक रोड ट्रिप, रूट और रास्ते के बारे मे जानकारी और साथ में करेंगें जागेश्वर मंदिर...
अब का हु रो पोल्ट (पल्ट)
पोलट या पलट आपन पहाड़ों पने य परम्परा अब विलुप्त हुणे कगार पर छु। कोई कोई गोनु में य परम्परा आई ले बच रे।...