अंधेरी रात के चमकीले भूत का सच

by Sunaina Sharma
765 views


दोस्तों मैं आज आपको कहानी बताने जा रही हूं, अंधेरी रात के चमकीले भूत की। इस कहानी में पांच-छह साल के बच्चों का ग्रुप भी शामिल है, जो सभी हम उम्र थे और वह सभी बच्चे उस चमकीले भूत के बारे में क्या जानते थे। भूत को लेकर वे सब क्या सोचते थे, हम जानेंगे इस कहानी के माध्यम से।

childhood village lfie

उत्तराखंड के जाने-माने शहर में बसा एक छोटा सा मोहल्ला था। मोहल्ले में सभी बच्चे एवं सभी परिवार मिल जुल कर रहते थे। मोहल्ले के सभी बच्चे आपस में एक साथ मोहल्ले की गलियों में खेलते थे। बात कुछ पुराने समय की है लगभग 20 साल पहले की।

मोहल्ले में खेलते समय सभी माता-पिता एक दूसरे के बच्चों का भी ध्यान रखते थे और तब मोहल्ले में बच्चों का खेलना कोई डर वाली बात नहीं होती थी। गलियों में बच्चों के शोरगुल से मोहल्ले की रौनक होती थी।

20 साल पहले सुधा, गुंजन, प्रिया, रवि, विवेक, मोनू, और नैना कि मोहल्ले में खूब जमती थी। यह सभी बच्चे आपस में एक साथ खेलते थे। 20 साल पहले मोहल्ले में बिजली की इतनी अच्छी व्यवस्था नहीं थी। इसलिए बिजली आए दिन बहुत अधिक कटती रहती थी।

शाम हो जाने पर, बिजली जाने पर इन बच्चों को एक साथ खेलने का मौका चाहिए होता था। मोहल्ले की बिजली जाने से इन बच्चों को यह मौका आसानी से मिल जाता था, क्योंकि उस समय माता-पिता भी इन बच्चों से पढ़ाई के लिए नहीं कहते थे। कई बार तो बच्चे मोहल्ले की गलियों में शाम को अंधेरा होने पर भी खेलते रहते थे और उनके माता-पिता भी रात्रि भोज के बाद खाना पचाने के लिए टहलते रहते थे।

बच्चे रोजाना शाम को खेलने के निकलते थे। लेकिन एक दिन खेलते खेलते अधिक देर हो गई और अंधेरा छा गया था। मोहल्ले की बिजली भी जा चुकी थी। मोहल्ले के पास ही एक बड़ा सा बगीचा था, जिसमें अनेक प्रकार के विशाल वृक्ष लगे थे। इन वृक्षों में आम,लीची,जामुन, कटहल आदि के पेड़ लगे थे।

इन  वृक्षों  में एक वृक्ष था जामुन का जिसके बारे में मोहल्ले के लोगों के बीच अनेक भ्रांतियां फैली थी, की इस जामुन के पेड़ पर भूत रहता है, इस डर के कारण कोई उस पेड़ से जामुन तोड़ने भी नहीं जाता था।

उसी रात बच्चों को उस जामुन के पेड़ पर रात में चमकीला सा लहराता हुआ कुछ दिखाई दे रहा था जिसकी आकृति स्पष्ट नहीं थी, वह पेड़ पर ही लहरा रहा था लेकिन बच्चे समझ नहीं पा रहे थे कि वह क्या चीज है।

Ghost tree

बच्चों ने भी इस पेड़ के बारे में भूत वाली बात सुन रखी थी। वे सभी आपस में ही बातें करने लगे कि कहीं वह वही भूत तो नहीं जिसके बारे में मोहल्ले के सभी लोग बात करते हैं। बच्चे पूरी तरह से डर चुके थे और बच्चों ने भूत के बारे में बातचीत करके यह निश्चय किया कि कल हम इस पेड़ के पास फिर से आएंगे और इसकी ओर फिर से देखेंगे कि क्या कहीं भूत असली में तो नहीं है, या कोई हमें बच्चा समझकर बेवकूफ तो नहीं बना रहा है या यह भूत नहीं कोई और चीज है।

अगले दिन सूरज उगते ही सभी बच्चे स्कूल के लिए तैयार हुए एवं अपने अपने स्कूल चल दिए, दोपहर में स्कूल से छुट्टी होने के बाद सभी बच्चे झुंड बनाकर उस पेड़ की तरह फिर से गए जिस पर रात को कोई अजीब सी चीज चमक रही थी और लहरा रही थी।

लेकिन बच्चों ने दिन में देखा कि पेड़ पर कोई भूत नहीं था वह वास्तव में सिल्वर रंग की पन्नी थी, जो कि किसी कटे हुए पतंग की थी और वह रात में बहुत चमक रही थी और हवा के कारण ही पेड़ पर लहरा रही थी। वह कटी पतंग पेड़ की टहनियों में उलझी हुई थी जिसे बच्चों ने भूत समझ लिया था।

बच्चों ने यह बात अपने माता-पिता को घर आकर बताई, यह सुनकर उनके माता-पिता भी बहुत हंसे, और उस दिन के बाद से जामुन के पेड़ पर रहने वाले भूत का भय सभी के दिमाग से उतर गया और उस रात की घटना के बाद से बच्चे उस पेड़ से हर सीजन में जामुन तोड़कर खाने लगे।

आप के बचपन में भी ऐसी अनेक घटनाएं घटित हुई होंगी। उम्मीद है आपको यह कहानी अच्छी लगी होगी, मिलते हैं अगली कहानी के साथ।



Related Articles

Leave a Comment

-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.