उत्तराखंड के मुख्य पर्यटक स्थल नैनीताल जिले में स्थित मुक्तेश्वर, प्राकृतिक खूबसूरती से परिपूर्ण, असीम शान्ति और स्वच्छ वातावरण के लिए ये स्थान जाना जाता है।
मुक्तेश्वर पहुचने के मार्ग में दिखने वाले दृश्य भी काफी खुबसूरत और लुभावने हैं। सफ़र करते हुए दिखने वाले आकर्षक दृश्यों की सुन्दरता सैलानियों का दिल जीत लेती है।
मुक्तेश्वर एक छोटा सा साफ़ सुथरा और शांत हिमालयी गाँव है, जहाँ किसी भी अन्य हिमालयी क्षेत्र की तरह ही सीधे व सरल ग्रामीण, और शुद्ध हवा और असीम मानसिक शांति मिलती है।
मुक्तेश्वर यहाँ से दिखने वाले हिमालय शृंखला के दृश्य के लिए, अपने शांत माहौल और शीत मौसम के लिए, बाज और देवदार के घने जंगल और स्वच्छ मौसम, यहाँ चौली की जाली नामक स्थान से दिखने वाले असीम और अद्भुत घाटी के दृश्य और मुक्तेश्वर महादेव मंदिर से श्रद्धालुओं को मिलती असीम उर्जा के लिए, ध्यान, योग, जंगले वाक, नेचर वाक, बर्ड watching, रीडिंग, राइटिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, rappelling, jungle trekking इत्यादि के लिए प्रसिद्ध है।
प्रातः जब सूर्य की किरणे इन पर्वतों पर पड़ती हैं तो, हिमालय का मनोहारी दृश्य सम्मुख देख कर किसी को भी मंत्रमुग्ध कर देता है। फ़रवरी से मार्च के माह में इन जंगलों में घने हरे देवदार वृक्षों के बीच से जब बुरांश के फूल खिलते हैं तो इनका नजारा अद्भुत और दिल को लुभाने वाला होता है।
मुक्तेश्वर का नाम दो संस्कृत शब्द से निकला है “मुक्ति और ईश्वर” । यानी यहाँ आप सांसारिक आपाधापी से दूर मुक्त हो स्वयं को ईश्वर के करीब पाते हैं। मुक्तेश्वर धाम एक प्राचीन शिवमंदिर है, जिसके नाम पर ही इस शहर व आसपास के इलाके को मुक्तेश्वर कहा जाता है। अन्य कई प्राचीन मंदिरों की तरह यह मंदिर भी एक पहाड़ी के शिखर पर बनाया गया है। यहाँ से हिमालय और हरियाली भरी घाटियों का दृश्य बहुत खूबसूरत दिखाई पड़ता है।
मुक्तेश्वर बाजार से जो हालाकिं ज्यादा बड़ी नहीं है, से महज २ किलोमीटर की दुरी पर मुक्तेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है, जो सडक से लगभग 400 – 500 मीटर के दुरी जिसमें आपको कुछ सीडियां भी चढ़नी होती है, के बाद ये मंदिर स्थित है।
मुक्तेश्वर देवदार, बांज, खरसु, काफल, मेहल आदि के सुंदर और घने आरक्षित वनों से घिरा है। इन पेड़ों के अलावा जंगली फल , जामुन (किलमोरा और हर्षु) भी यहाँ मौजूद है
भटेलिया से कुछ आगे बढ़ ही सड़क के दोनों ओर होटल, रिज़ॉर्ट, रेस्टोरेंट, होम स्टे, गेस्ट हाउस मिलने शुरू हो जाते है। मुक्तेश्वर में आप पांच सात सौ से लेकर 5-6 हजार तक के कमरे अवेलेबल हो जाते हैं, ये इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस सीजन में मुक्तेश्वर आ रहे है जैसे गर्मियों में, त्योहारों और वीकेंड में आपको रूम रेंट में ज्यादा डिस्काउंट नहीं मिलेगा, वही अगर आप ऑफ सीजन जैसे बरसातों या सर्दियों में यहाँ आने का प्रोग्राम बनाते है तो काफी कम कीमत में आपको होटल के कमरे मिल जाते है।
मुक्तेश्वर के आस-पास देखने के लिए ढेर सारी जगह हैं। यहां से अल्मोड़ा, बिन्सर और नैनीताल पास ही हैं। अगर चाहें तो मुक्तेश्वर जाते हुए या मुक्तेश्वर से वापिस आते हुए भीमताल पर बोटिंग का आनंद लिया जा सकता है।
वैसे तो यहां साल में कभी भी जाया जा सकता है परंतु यहां जाने का उचित समय मार्च से जून और अक्टूबर से नवंबर तक है। अगर गर्मियों में यहां जाएं तो हल्के ऊनी कपड़े और सर्दियों में जाएं तो भारी ऊनी कपड़े साथ ले जाएं।
गर्मियों में यहां का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 15 डिग्री और सर्दियों में अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 0 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। जनवरी में यहां बर्फबारी भी हो जाती है।
मुक्तेश्वर का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम से 65 किलोमीटर, निकटतम एयरपोर्ट – पंतनगर से 98 किलोमीटर , नैनीताल से 7 किलोमीटर, हल्द्वानी से 72 किलोमीटर, अल्मोड़ा से 52 किलोमीटर, दिल्ली से लगभग 350 किलोमीटर, देहरादून से ३3० किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।
मुक्तेश्वर के बारे में अधिक जानने के लिए वीडियो देखें।