कुंभ मेला 2021 में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए श्रद्धालुओं की कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी। राज्य कोविड कंट्रोल रूम ने मामले की प्रारंभिक जांच की, जिसमें बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। पाया गया कि एक लाख से अधिक सैंपलों में एक ही मोबाइल नंबर और पते दर्शाए गए हैं। मामले को गंभीर से लेते हुए सरकार ने जिलाधिकारी हरिद्वार को जांच सौंपी थी।
कोविड जांच फर्जीवाड़े में निलंबित तत्कालीन कुंभ मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर और प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके त्यागी दोषी नहीं पाए गए, इनके बहाली के आदेश शासन ने दिए हैं। फर्जीवाड़े में अब हरिद्वार जिले के तत्कालीन सीएमओ की जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कमेटी गठित की जाएगी।
जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हरियाणा के एक व्यक्ति की शिकायत के बाद हुआ था। शिकायतकर्ता के मोबाइल पर कोविंड जांच कराने का मैसेज आया, जबकि वह कुंभ मेले में आया ही नहीं था, इसकी शिकायत आईसीएमआर को भेजी गई।
डीएम ने कमेटी गठित कर जांच कराई और रिपोर्ट सरकार को सौंपी। अगस्त 2021 में शासन ने तत्कालीन कुंभ मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर और प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके त्यागी को निलंबित कर दिया था।
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि कोविड जांच फर्जीवाड़े में निलंबित किए गए अधिकारी दोषी नहीं पाए गए। जिससे उन्हें बहाल कर दिया गया है। हरिद्वार के तत्कालीन सीएमओ की जांच कराई जाएगी। इसके लिए विभागीय स्तर पर कमेटी गठित की जाएगी।