अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भव्य भवन को आधार प्रदान करने के लिए रखी जाने वाली नींव की डिजाइनिंग और मिट्टी की जांच केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिक एल एंड टी कंपनी के साथ मिलकर करेंगे। वैज्ञानिकों ने इसके लिए सर्वे भी शुरू कर दिया है।
संस्थान के वैज्ञानिक भूकंप समेत तमाम आपदाओं के समय श्रीराम मंदिर की नींव की मिट्टी के व्यवहार का भी अध्ययन कर रहे हैं ताकि डिजाइनिंग करते समय नींव को हर प्रकार की आपदा सहने में सक्षम बनाया जा सके।
सीबीआरआई देश ही नहीं विदेशों में भी भवन निर्माण तकनीक के क्षेत्र में अहम स्थान रखता है। लिहाजा मंदिर निर्माण करा रही एल एंड टी कंपनी ने हाल ही में सीबीआरआई रुड़की से सहयोग मांगा था।
संस्थान के निदेशक डॉ. ए न गोपालकृष्णन के निर्देश पर संस्थान के जियो टेक्निकल डिवीजन के प्रमुख डॉ. शांतनु सरकार के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने श्रीराम मंदिर की नींव की डिजाइनिंग के लिए सर्वे का काम शुरू कर दिया है।
वैज्ञानिकों की टीम ने अयोध्या में मंदिर स्थल का निरीक्षण भी किया है। वैज्ञानिक डॉ. शांतनु सरकार ने बताया कि जियो टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन के अंतर्गत तकनीक के जरिये भूमि के भीतर की मिट्टी की जांच की जा रही है। कंपनी की ओर से 60 मीटर या इससे अधिक गहराई तक मिट्टी को ड्रिल कर निकाला जा रहा है।
जांच के दौरान यह भी शोध किया जाएगा कि भूकंप समेत अन्य आपदाओं के वक्त मिट्टी का व्यवहार कैसा होगा। इसी के आधार पर मंदिर के निर्माण के लिए नींव का मजबूत डिजाइन तैयार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि काम कब तक पूरा होगा, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। गौरतलब है कि मंदिर निर्माण के लिए के सैकड़ों खंभे तैयार किए जाएंगे। ऐसे में उसी के अनुरूप जमीन की सतह के नीचे का डिजाइन भी तैयार किया जाएगा।
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