उत्तराखंड जो हिमालय की गोद में बसा मन को मोह लेने वाला राज्य हैं, वह कई मायनों में अपने आप में समृद्ध राज्य हैं। यहाँ हिमालय से निकलती नदियां, यहाँ के हर मार्ग पर बने मंदिर यहाँ की ताजा हवा और भी बहुत कुछ जो स्वर्ग में होने का आनंद देता हैं।
यहाँ की नदी, ग्लेशियर, झील, मंदिर, आपको जितना सुंदर महसूस कराते हैं यहाँ के मीठे पकवान आपको इन्हें फिर-फिर खाने को मजबूर करने के लिए काफी हैं। उत्तराखंड से दूर हर उत्तराखंडी के लिए यह उसकी गाव, पहाड़ की याद को ताजा करने के लिए काफी हैं।
इस पोस्ट में जानिए उत्तराखण्ड की इन्हीं प्रेमभरी, संस्कृति से लिप्त, मिठाईयों के बारे में
बाल मिठाई :
यह उत्तराखंड की राज्य मिठाई हैं, जो यहाँ की पहचान हैं। बाल मिठाई आपको उत्तराखंड में लगभग हर जगह मिल जाएगी पर यहाँ मुख्य रूप से अल्मोड़ा की बाल मिठाई प्रसिद्ध हैं। बाल मिठाई सातवीं से आठवीं सदी में नेपाल से उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में आई। माना जाता है इसे बाल मिठाई शुरू से भगवान सूर्य को प्रसाद के रूप में अर्पित की जाती थी।
यह चॉकलेट का स्वाद लिए मिठाई होती है। इसका स्वाद मुँह में घुल जाता है। इसे उत्तराखंड का चॉकलेट भी कहा जाता है। ऐसा शायद ही कोई हो, जो अल्मोड़ा से गुजरे और बाल मिठाई न लें। अल्मोड़ा बाजार में इसकी सुगंध दूर से ही आती हैं।
चॉकलेट:
बाल मिठाई की तरह ये भी उत्तराखंड की एक फेमस मिठाई हैं। यह मिठाई बाल मिठाई बनाने की एक लिए प्रयोग की जाती हैं। अगर इस चॉकलेट मिठाई के बाहर छोटे मीठे बॉल से जो मीठे होते हैं, लगा दी जाए तो ये बॅक मिठाई बन जाती हैं। यह भी बाल मिठाई की तरह ही काफी पसंद की जाने वाली मिठाई हैं।
सिंगोड़ी:
सिंगोड़ी उत्तराखंड की प्राचीन मिठाई हैं।
इस मिठाई की खास बात यह हैं की इसे मालू के पत्तों में लपेटकर रखा जाता हैं। मालू एक ऐसा पेड़ हैं जिसकी पत्तियां जल्दी खराब नहीं होती, पेड़ से तोड़ने के 10-15 दिन तक भी यह हरी ही रहती हैं और ये पूरे साल आपको मिल जाएंगी। मालू के पत्तों की खुसबू इसे ओर भी ज्यादा विशेष बनाती हैं।