उत्तराखंड जिसे देवभूमि कहा जाता है। यहाँ हिन्दू धर्म के चार सबसे पवित्र स्थल यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ स्थित हैं।
हिंदू धर्म के इन धामों को मोक्ष का द्वार बताया गया है। जबकि बड़ी चार धाम यात्रा उत्तराखंड में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन से शुरू होकर गुजरात के द्वारका, उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी और तमिलनाडु के रामेश्वर तीर्थ के दर्शनों के साथ संपन्न होती है। इस साल 50 लाख से भी अधिक संख्या में यात्री चार धाम यात्रा पर पहुंचे थे। इतनी बड़ी संख्या में जातियों के पहुंचने से एक रिकॉर्ड भी बना है
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चार धाम यात्रा से जुड़ा एक बड़ा फैसला ले सकते हैं। उत्तराखंड सरकार में पर्यटक मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि “इस समय विशेषज्ञों से बातचीत कर एक ऐसा नियम बनाने पर चर्चा की जा रही है जिससे कि एक व्यक्ति साल में एक ही बार चार धाम की यात्रा कर सकें। अब अगले साल की यात्रा शुरू होने से पहले इस पर फैसला लिया जाएगा।”
देखें चार धाम दर्शन
इस बार चार धाम यात्रा पर बड़ी संख्या में यात्रियों के आने से जाम जैसे हालातों से जूझना पड़ा। वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से इस स्थिति को सही नहीं माना गया। हालांकि अभी चार धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं।
अब सरकार द्वारा इस यात्रा के लिए नियम बनाया जा रहा है क्योंकि ज्यादा भीड़ के चलते, तीर्थ स्थलों की इकोलॉजी को नुकसान पहुंचता है। अब चार धाम की यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों का आधार कार्ड के जरिए रिकॉर्ड भी रखा जाएगा।