सोशल मीडिया और OTT पर सख्त हुए नियम, पढ़ें सरकार की नई गाइडलाइंस

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अगर आप भी करते हैं social मीडिया का गलत उपयोग तो हो जाएँ सावधान! सोशल मीडिया और OTT पर सख्त हुए नियम, जानें सरकार की नई गाइडलाइंस

रविशंकर प्रसाद ने आज जारी प्रेस रिलीस में बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अफसरों की तैनाती करनी होगी, किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा। प्लेटफॉर्म्स को भारत में अपने नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी। इसके अतिरिक्त हर माह कितनी शिकायतों पर कार्यवाही हुई, इसकी जानकारी देनी होगी।

केंद्र सरकार ने गुरुवार (25 फरवरी) को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइन्स जारी की। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इनके बारे में जानकारी दी। आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भारत में कारोबार करने के लिए स्वागत है, लेकिन उन्हें भारत का संविधान और कानून मानना होगा। जानिए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिन्दु-

  • ओटीटी और डिजिटल मीडिया के लिए रजिस्ट्रेशन तथा डिसक्लेमर की जानकारी अनिवार्य। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी।
  • अगर किसी यूजर का कंटेट हटाया जा रहा है या उसकी ऐक्सिस रोकी जा रही है, तो उसे बताना पड़ेगा कि ऐसा क्यों हुआ।
  • केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार को पता ही नहीं है कि देश में डिजिटल न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म कितने हैं, ऐसे में सरकार किससे बात करेगी। इसलिए ही सरकार प्लेटफॉर्म की बेसिक जानकारी मांग रही है।
  • सोशल मीडिया को भी electronic मीडिया की तरह ही नियमों का पालन करना होगा, अगले तीन महीनों में सोशल मीडिया के नियम लागू होंगे।
  • सोशल मीडिया को यूजर्स के अकाउंट का वेरिफिकेशन कैसे किया जाए इस प्रणाली का प्रबंध करना होगा।
  • हर छह माह में शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देनी होगी। सबसे पहले पोस्ट डालने वाले की जानकारी भी देनी होगी।
  • शिकायत प्राप्त होने के बाद 24 घंटे के अंदर आपत्तिजनक पोस्ट को हटाना होगा।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को चीफ कंप्लेन अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और नोडल अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होगी।
  • आपत्तिजनक कंटेंट को सबसे पहले किसने पोस्ट या शेयर किया इसकी जानकारी मांगे जाने पर देना होगा।
  • केंद्र सरकार के नोटिस के 72 घंटे के अंदर उस पर कार्रवाई करनी ही करनी होगी।
  • टेक कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।
  • कानूनी एजेंसियों से तालमेल के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी।
  • कंटेट कहां से शुरु हुआ पूछे जाने पर यह बताना पड़ेगा, फर्स्ट ओरिजिनेटर बताना पड़ेगा कि खुराफात कहां से शुरु हुई।
  • भारत की संप्रभुता, कानून व्यवस्था, हिंसा आदि के बारे में पहले ट्वीट किसने किया, ऐसे अपराध जिनकी सजा पांच साल से अधिक है उनमें बताना पड़ेगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्वच्छैकि वैरिफिकेशन यूजर का ऑप्शन देना होगा।
  • प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म/डिजिटल मीडिया को अपने काम की जानकारी देनी होगी, वो वो कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं। इसके बाद सभी को सेल्फ रेगुलेशन को लागू करना होगा, इसके लिए एक बॉडी बनाई जाएगी जिसकी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई अन्य व्यक्ति अध्यक्षता करेंगे।
  • रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के यूजर 40 करोड़ से अधिक, ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक यूजर हैं। भारत में इनका उपयोग काफी होता है, लेकिन जो चिंताएं जाहिर की जाती हैं उन पर काम करना जरूरी है।

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