उत्तराखंड समाचार 14 मार्च 2021

by Deepak Joshi
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 दिल्ली से देहरादून आ रही शताब्दी एक्सप्रेस में लगी भीषण आग।

दिल्ली से देहरादून आ रही शताब्दी एक्सप्रेस के एक एसी कोच में रायवाला जंक्शन से कुछ आगे कांसरों के जंगल में अचानक आग लग गई। इससे यात्रियों में हड़कंप मच गया। एमरजेंसी ब्रेक लगाकर लोको पायलट ने ट्रेन को जंगल में ही रोक दिया। कोच में सवार सभी 35 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। रेलवे स्टाफ ने तत्परता दिखाते हुए ट्रेन के बीच में लगे इस कोच को काटकर अन्य बोगियों को सुरक्षित किया। कुछ ही देर में पूरी बोगी धू-धूकर जलने लगी। गनीमत रही कि किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। हालांकि कुछ यात्रियों का सामान नष्ट हो गया। इधर, टै्रक बाधित होने के चलते देहरादून से जाने वाली और यहां आने वाली ट्रन का संचालन प्रभावित हुआ।

घटना दोपहर करीब साढ़े बारह बजे की है। शताब्दी एक्सप्रेस (12017) रायवाला जंक्शन से चलकर राजाजी टाइगर रिवर्ज की कांसरो रेंज से होकर देहरादून की ओर बढ़ रही थी। कांसरो स्टेशन के समीप शताब्दी के एसी कोच (सी-5) में अचानक आग लग गई। आग की लपटें  देखकर इसमें सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ यात्रियों ने चेन खींचकर ट्रेन के लोको पायलट को सूचित किया। इसके बाद इमरजेंसी ब्रेक से ट्रेन, राजाजी टाइगर रिजर्व की कांसरे रेंज कार्यालय के समीप रोक ली गई। ट्रेन रुकते ही कोच में सवार यात्री जान बचाकर बाहर की तरफ भागे। कुछ यात्री इस हड़बड़ाहट में अपना सामान भी नहीं निकाल पाए। इस बीच आग भीषण रूप ले चुकी थी। रेलवे स्टाफ ने तत्परता दिखाते हुए इंजन के बाद आठवें नंबर पर जुड़ी इस बोगी को अलग किया। इस तरह सात व पीछे की पांच अन्य बोगियों में आग फैलने से बच गई। देखते ही देखते पूरा कोच आग की लपटों से धू-धू कर जल उठा। कांसरो में जिस स्थान पर यह हादसा हुआ, वहां वन विभाग के रेंज कार्यालय व छोटे से रेलवे स्टेशन के अलावा कोई आबादी नहीं है। घटना की सूचना पाकर सबसे वन रेंज अधिकारी राजेंद्र प्रसाद नौटियाल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। वन कर्मियों ने यात्रियों व उनके सामान को सुरक्षित निकालने में बड़ी मदद की। कुछ देर बाद थानाध्यक्ष रायवाला अमरजीत ङ्क्षसह भी पहुंच गए। ऋषिकेश तथा डोईवाला से दमकल की छह गाडिय़ां भी मौके पर पहुंची। दमकल दस्ते ने कोच में लगी आग को बुझाया मगर, तब तक पूरा कोच जलकर कबाड़ बन चुका था। इस बीच रेलवे के आला अधिकारी भी पहुंच गए।

उत्तर रेलवे मुरादाबाद मंडल की प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि शताब्दी एक्सप्रेस के जिस सी-5 कोच में आग लगी थी, उसमें सवार सभी 35 यात्री सुरक्षित हैं। सभी यात्रियों को अन्य कोच में शिफ्ट करके देहरादून भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।रेखा शर्मा ने बताया कि देहरादून में कुल 316 यात्री उतरे हैं, जिन्हें रेलवे कर्मचारियों द्वारा स्टेशन पर सभी सहायता प्रदान की गई है। डीआरएम तरुण प्रकाश अधिकारियों की टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।

पूर्व मुख्‍यमत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया ट्वीट 

पूर्व मुख्‍यमत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस घटना पर ट्वीट कर कहा कि कोच में आग लगने का दुखद समाचार प्राप्‍त हुआ। यह घटना राजाजी टाइगर रिजर्व की कांसरो रेंज के पास हुई। ईश्‍वर की कृपा से सभी यात्री सुरक्षित हैं और किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं मिली है।

अब बेरोकटोक कुंभ में आ सकेंगे लोग, नहीं लानी होगी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट – मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत

अब हरिद्वार कुंभ में आने के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य नहीं होगी। लेकिन कोविड-19 नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। यह कहना है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का। वह शनिवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे। वहीं उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड और गैरसैंण को मंडल बनाने के फैसले पर भी विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि 12 सालों के बाद होने वाला महाकुंभ श्रद्धा और भावनाओं से जुड़ा है। जिसमें देश दुनिया के करोड़ों श्रद्धालुओं की गंगा के प्रति आस्था रहती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुंभ के लिए पर्याप्त बसों का इंतजाम किया जाए। वहीं, कुंभ क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत व साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।

शनिवार को सीएम आवास स्थित कार्यालय में मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों के साथ कुंभ मेले की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कुंभ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के सुखद संदेश लेकर जाएं। यह सबका दायित्व है। इसके लिए सभी अधिकारी आपसी समन्वय व समय सीमा के साथ व्यवस्थाओं को पूरा करें।

ऋषिकेश पहुंचे लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला, परमार्थ गंगा तट पर मनाई वैवाहिक वर्षगांठ

परमार्थ निकेतन में आयोजित 32वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने परिवार सहित सहभाग किया। विश्व शांति महायज्ञ में लोकसभा अध्यक्ष ने आहुति डाली और मां गंगा का पूजन भी किया। परमार्थ गंगा तट पर वेदमंत्र, शंखध्वनि और पुष्पवर्षा कर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और उनकी पत्नी डॉ. अमिता की वैवाहिक वर्षगांठ मनाई गई। शनिवार को इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने रुद्राक्ष का पौधा और जय गंगे अंगवस्त्र भेंट कर बिरला दंपती का अभिनंदन किया।

अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोविड-19 के कारण वैश्विक स्तर पर अनेक बदलाव हुए ऐसे में परमार्थ निकेतन ने ऑनलाइन माध्यम से योग जिज्ञासुओं को योग गुरुओं और अन्य दिव्य विभूतियों से वर्चुअल रूप से जोड़ने का अवसर प्रदान किया। इस तनाव के दौर में यह अत्यंत आवश्यक भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की सूची में शामिल करवाया और स्वामी चिदानंद महाराज योग को हर व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य कर रहे है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत में योग एक दर्शन है और जीवन पद्धति भी है। योग और ध्यान से शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाकर आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। साथ ही योग जीवन की यात्रा को सरल और शांत बनाता है। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि योग भारतीय दर्शन का प्रमुख अंग है, यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वयं को बेहतर, स्वस्थ और व्यवस्थित बनाने की एक विधा है जो की मन-मस्तिष्क में शुद्ध चेतना, शुद्ध विचारों व शुद्ध गुणों को जागृत करता है तथा भावनात्मक मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि योग केवल शरीर का नहीं बल्कि आत्मा का विज्ञान है।जैसे-जैसे हम योग और ध्यान का अभ्यास करते हैं हम वातावरण के प्रति और जागरूक हो जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक डॉ. साध्वी भगवती ने कहा कि 32 वर्षों की योग महोत्सव की इस यात्रा में वर्ष 2021 का योग महोत्सव एक नए स्वरूप के साथ ऐतिहासिक भी रहा। इस वर्ष वर्चुअल माध्यम से परमार्थ निकेतन से योग को हर घर और हर घट तक पहुंचाया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने रुद्राक्ष का पौधा देकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, सांसद अजय भट्ट और पूरे बिरला परिवार का मां गंगा के तट पर अभिनंदन किया।

उत्तराखंड में कोरोना के 54 नए केस, 2 की मौत

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के 54 नए मामले मिले और दो मरीजों की मौत हुई। इसके बाद राज्य में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 97 हजार, 754 पर पहुंच गया है। हालांकि संक्रमित मरीजों के ठीक होने की गति बेहतर है। कुल संक्रमितों में से अब तक 94058 (96.22 प्रतिशत) लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं। फिलवक्त कोरोना के 583 एक्टिव केस हैं। वहीं कोरोना संक्रमित 1702 मरीजों की मौत भी राज्य में अब तक हो चुकी है। शनिवार को जिन दो मरीजों की मौत हुई, उनमें से एक श्री महंत इंदिरेश अस्पताल देहरादून और दूसरा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में भर्ती था।

इधर, विभिन्न जिलों से आज 106 मरीज ठीक भी हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अलग-अलग सरकारी व प्राइवेट लैब से 15048 सैंपलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। जिनमें 14994 मामलों में रिपोर्ट निगेटिव आई है। हरिद्वार में 17 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। इसके अलावा देहरादून में 15, नैनीताल में 11, अल्मोड़ा में पांच, पौड़ी में तीन, पिथौरागढ़ में दो व बागेश्वर में एक व्यक्ति संक्रमित मिला है। चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, टिहरी, ऊधमसिंह नगर व उत्तरकाशी में कोरोना संक्रमण का नया मामला नहीं मिला है।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान जारी है। शनिवार को प्रदेश में 272 सेंटरों पर 17 हजार, 932 लोग को टीका लगाया गया। इनमें साठ साल से अधिक उम्र के 11433 लोग व 45 से 59 साल उम्र के 891 लोग शामिल रहे। इसके अलावा 1197 हेल्थ केयर वर्कर्स व 4411 फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीका लगाया गया है। अब तक 89 हजार, 543 लोग का पूर्ण टीकाकरण यानी वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। साठ साल से अधिक उम्र के 88954 लोग को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है।

जंगल में भेष बदलकर घंटों तक छिपी रही पुलिस, कई राउंड फायर के बाद इनामी गुरदीप सिंह उर्फ दीपा समेत तीन गिरफ्तार

उत्तराखंड एसटीएफ और नानकमत्ता पुलिस ने नानकमत्ता में हत्या, अपहरण, लूट, डकैती, सुपारीकिलर को जंगल में कॉम्बिंग के बाद गिरफ्तार करने में सफलता हासिंल की है। उसके दो अन्य साथी भी गिरफ्तार किये गये हैं। पुलिस इसे बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। आरोपी पर 10 हजार का ईनाम था। जो लम्बे समय से फरार था। वह लगातार जंगल में ठिकाने बदलकर रह रहा था। पुलिस के अनुसार उसे 36 घंटे की घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बदमाश नेपाल सीमा से लगे जंगलों में हथियार बनाने, तस्करी करने और लोगों की सुपारी लेकर अपने गैंग का संचालन करता था। इस दौरान दोनों तरफ से 12 राउंड से अधिक फायरिंग की जानकारी मिली है। बदमाश पुलिस पर एक पिस्तौल, दो बारह बोर की बंदूक से फायर कर रहे थे। पुलिस ने एक पिस्टल, दो बन्दूक और कारतूस बरामद किए हैं।

शनिवार को गुरदीप सिंह उर्फ दीपा सूचना पर एसटीएफ उत्तराखण्ड की टीम ने थाना नानकमत्ता और कोतवाली खटीमा की पुलिस टीम के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए  ग्राम दिया खटीमा क्षेत्रान्तर्गत में कामन नदी के किनारे जंगल क्षेत्र में घेराबन्दी की गयी तो दीपा व उसके 2 साथियों ने अचानक पुलिस के घेरे जाने व गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस पर फायरिंग शुरु कर दी जवाबी कार्यवाही में पुलिस द्वारा भी फायरिंग की गयी जिसमें दोनों तरफ से कई राउण्ड फायर हुए। बदमाश सुतलीमठ के जंगल की ओर भागने लगे। जिन्हें पुलिस टीम ने घेराबन्दी कर मय हथियारों के गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से भारी मात्रा में अवैध हथियार व कारतूस बरामद हुए।

गिरफ्तार आरोपी दीपा ने पुलिस को बताया वह पिछले 10-12 सालों से खटीमा, नानकमत्ता से सटे जंगलों में अपने साथियों के साथ छिपकर फरारी काट रहा है और जंगल में रहकर हथियार बनाता है। और हथियारों को बाहर सप्लाई करता है। उसके पास मिले हथियार भी उसी के बनाये हुए हैं। पुलिस के अनुसार हथियार व हथियार बनाने के उपकरण जंगल के अन्दर ही है।  पुलिस हथियार व हथियारों की फैक्ट्री जंगल में होने की सूचना देने पर एक टीम का गठन कर अभियुक्त से साथ जंगल को रवाना  हो गयी है। दीपा के दो अन्य साथी कमलदीप सिंह उर्फ कुलदीप सिंह पुत्र निरवैर सिंह निवासी ग्राम सिद्वानवदिया थाना नानकमत्ता और बलवीर सिंह पुत्र करम सिंह राणा निवासी ग्राम छिनकी थाना खटीमा जिला ऊधमसिंहनगर गिरफ्तार हुए हैं।

जंगल में रहकर जघन्य अपराधों को अंजाम देता रहा दीपा
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार फोर्स को इनपुट मिले की अंतरराष्ट्रीय नेपाल सीमा पर राज्य के नानकमत्ता, खटीमा और यूपी के पीलीभीत क्षेत्र के जंगलों में एक अंतरराष्ट्रीय बदमाशों का गिरोह जघन्य अपराधों को अंजाम दे रहा है। इस गैंग का संचालन जनपद उधमसिंहनगर का दस हजार का ईनामी गैंगेस्टर गुरदीप सिंह उर्फ दीपा कर रहा है। दीपा पर हत्या, डकैती, फिरौती के लिए अपहरण जैसे संगीन मामले पूर्व से दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार बदमाश नानकमत्ता, खटीमा, पीलीभीत, नेपाल के जंगलों में अपने गैंग से हथियारों को बनाना, तस्करी करना और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग व जान से मारने की कोशिश कर लोगो में डर धमका करने के अपराधिक घटनाओं में लिप्त थे।

एसटीएफ दो माह से क्षेत्र में बदमाश की गतिविधियों पर नजर रखे थी। बदमाश को पकड़ने के लिए रात दिन भेष बदलकर स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड की टीम ने जंगल में डेरा डाला था। हाल ही में इनकी फोटो जंगल में लगाए गए कैमरे में भी कैद हुई। इसमें दीपा समेत तीन अपराधिक प्रवृत्ति के लोग बंदूक लेकर चलते दिखे थे।  बताया जाता है कि एसटीएफ के दरोगा समेत कई पुलिस कर्मी वेश बदलकर जंगल में अपराधियों की लोकेशन ट्रेस करने में जुटे थे। पुलिस अन्य साथियों की तलाशी में जुटी है। इसके अलावा हथियार बनाने की देसी फैक्ट्री आदि की भी मिली जानकारी, दर्जनो अवैध हथियार और असलहों को तैयार करने के लिए सामान आदि की भी बरामदगी कर्रवाई चल रही है। एसओ कमलेश भट्ट ने बताया कि दीपा समेत तीनों अपराधी बेहद शातिर हैं। उनसे पूछताछ कर अन्य अपराधिक घटनाओं की जानकारी ली जा रही है।

12 वर्ष से फरार चल रहा था दीपा
गिरफ्तार बदमाश गुरदीप सिंह उर्फ दीपा 12 वर्ष से फरार था। बदमाश के खिलाफ सितारगंज थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज है। आरोपी वर्ष 2008 से फरार चल रहा था। नानकमत्ता पुलिस ने वर्ष 2019 में बदमाश के खिलाफ 10 हजार का इनाम घोषित किया था। नानकमत्ता थाने में गैंगस्टर एक्ट में दर्ज है। एसओ कमलेश भट्ट के अनुसार गिरफ्तार बदमाश और उसके साथी जंगलों में अवैध हथियार बनाते हैं। पुलिस इससे पहले आरोपी के परिवार कई सदस्यों को हथियार बनाने के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। नानकमत्ता तीन संगीन धाराओं में मुकदमे हैं। जबकि पुलिस के पास 10 मुकदमों का रिकार्ड है। इसमें कई विचाराधीन है।

तराई का बीरप्पन के नाम से कुख्यात है दीपा
एसएसपी के अनुसार पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड के इनामी अपराधियों की धरपकड़ व गिरफ्तारी के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत स्पेशल टास्क फोर्स के निरीक्षक संदीप नेगी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था। इसी अभियान के चलते एसटीएफ की टीम को काफी दिनों से सूचना प्राप्त हो रही थी कि ऊधमसिंहनगर का कुख्यातअपराधी गुरदीप सिंह उर्फ दीपा गैंग बनाकर यूपी और नेपाल की तराई में अपराध कर रहा है। जो बीरप्पन के नाम से कुख्यात है। जिस पर जनपद ऊधमसिंहनगर में हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, पुलिस पर फायरिंग गैंगस्टर जैसे गम्भीर अपराध के दर्जनों मुकदमे दर्ज है तथा अवैध हथियारों की फैक्ट्री जंगल में रहकर चला रहा है और विभिन्न स्थानों पर सप्लाई कर रहा है। दीपा अपने गैंग के बनाये हथियारों को उ0प्र0, नेपाल व उत्तराखण्ड में सप्लाई करता था। पिछले कई वर्षो से एक गैंग बनाकर आसपास के जंगलों से लगे लोगों को डरा धमकाकर लूट पाटकर जंगल में छुपकर गैंग को चला रहा था। उसके आतंक के कारण दहशत व भय का माहौल था। भय से कोई भी व्यक्ति थाने में शिकायत करने से डरता था।

टीम में शामिल रहे
एसटीएफ टीम : इंस्पैक्टर संदीप नेगी, इंस्पैक्टर एमपी सिंह, एसआई यजवेंद्र बाजवा, एसआई केजी मठपाल, वेद भट्ट, महेन्द्र नेगी, मोहन असवाल, लोकेन्द्र, किशोर कुमार, महेन्द्र गिरी, प्रमोद रौतेला, दुर्गा सिंह पापडा, नानकमत्ता थाने से एसओ कमलेश भट्ट,मोहित वर्मा, प्रकाश आर्या, महिपाल सिंह, खटीमा कोतवाली से एसआई होशियार सिंह, संजय कुमार, सुंदर सिंह, अनिल भारती, नासिर

अब सड़क पर वाहन चलाते समय नहीं चलेगी नियम तोड़ने की लुकाछिपी, मोटर यान अधिनियम में होगा संशोधन

आपने हेलमेट नहीं पहना। सामने पुलिस दिखी तो चुपके से पहन लिया। जहां मन आया, वहीं गाड़ी रोक ली। लाल बत्ती या स्टॉप लाइन को पार कर दिया। लुकाछिपी का यह खेल जल्द ही खत्म होने जा रहा है। केंद्र सरकार इसके लिए केंद्रीय मोटर यान अधिनियम में संशोधन करने जा रही है। यह संशोधन उत्तराखंड में भी लागू होगा।

इस संशोधन के तहत सड़क सुरक्षा की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और प्रवर्तन को मजबूत बनाया जाएगा। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना है कि दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में उच्च जोखिम वाले इलाकों, अधिक सघनता वाले गलियारों और महत्वपूर्ण जंक्शनों व चौराहों पर इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन उपकरण जैसे कैमरा, स्पीड रडार गन आदि लगाए जाएंगे।

यह उपकरण इस तरह से लगेंगे कि इससे किसी भी प्रकार की रुकावट, सीधा देखने में परेशानी या यातायात में रुकावट पैदा न हो। इन उपकरणों की मदद से सात श्रेणियों में हुई गलतियों पर सीधे चालान कट जाएगा। जल्द ही सरकार इस अधिनियम का संशोधन लागू करने जा रही है। परिवहन विभाग उत्तराखंड के अधिकारियों के मुताबिक इस संशोधन पर फीडबैक की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब जैसे भी निर्देश मिलेंगे, उस हिसाब से कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

रामकथा में हजारों श्रद्धालुओं उमड़े

हल्द्वानी। हरि शरणम् जन की ओर आयोजित रामकथा के नौवें दिन समापन अवसर पर व्यास राजनजी महाराज ने सुंदरकांड के प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को विभोर कर दिया। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु रामकथा सुनने के लिए उमड़े। हरि शरणम् जन के प्रमुख रामगोविंद दास (भाई जी) ने रामकथा आयोजन संपन्न होने पर सभी सहयोगियों का आभार जताया।

नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा का समापन शनिवार को भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक प्रसंग के साथ हुआ। कथावाचक ने भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक प्रसंग का वर्णन विस्तार से किया और कहा कि पापियों के पाप का घड़ा कभी न कभी जरूर भरता है। पाप ही पापी के अंत का कारण बन जाता है। रावण वध की कथा सुनाए जाने के दौरान पंडाल श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। उन्होंने कथा में कहा कि अच्छाई के सामने कभी भी बुराई टिक नहीं सकती। सच्चाई की सदैव विजय होती है। भगवान श्रीराम की आरती कर रामकथा का समापन किया गया।

 

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