उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार में तत्पर रही है। यहां की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां पर्यटन व्यवसाय की अनेक संभावनाएं हैं। इसी को देखते हुए सरकार विभिन्न पर्यटकों को उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों की ओर आकर्षित करने के लिए समय-समय पर अनेक कार्य करती है।
इसी दिशा में उत्तराखंड की सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जानकीचट्टी से यमुनोत्री को रोपवे के माध्यम से जोड़ने के लिए इस प्रोजेक्ट पर पीपीपी मोड पर कार्य कर रही है।
उत्तराखंड सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में जानकीचट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री तक रोपवे बनाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस रोपवे को बनाने के लिए 2012 से कोशिश जारी थी, लेकिन अनेक अटकलों के कारण बात नहीं बनी थी। परंतु हाल ही कि कैबिनेट मीटिंग में इस फैसले पर मुहर लग चुकी है।
इस प्रोजेक्ट का कार्य पीपीपी मोड पर पर्यटन विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार, यह प्रोजेक्ट विवादों में चल रहा था, परंतु कैबिनेट मीटिंग के बाद यह विवाद समाप्त हो गया है। रोपवे बनाने के लिए जिस कंपनी के साथ करार किया गया था, वह कंपनी 2016 में अपनी वित्तीय दस्तावेज नहीं दिखा पाई थी, जिसके कारण यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया।
परंतु कैबिनेट की मीटिंग के फैसले के अनुसार, 3.50 करोड़ की जब्त की गई बैंक गारंटी और प्रोजेक्ट के लिए खरीदी गई जमीन का 1.56 करोड़ रुपए कंपनी को वापस लौटाया जाएगा, और प्रोजेक्ट का कार्य सरकार पीपीपी मोड में करवाएगी। उम्मीद है यह प्रोजेक्ट अब जल्दी ही पूरा हो जाएगा और यमुनोत्री से जानकी चट्टी के बीच का सफर भी चंद मिनटों में पूरा हो जाएगा।
यमुनोत्री धाम की जानकारी देता विडियो देखें ?
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