Home Exclusive भारी बारिश से चारों धाम यात्रा मार्ग सहित 300 मार्ग बंद

भारी बारिश से चारों धाम यात्रा मार्ग सहित 300 मार्ग बंद

by News Desk
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उत्तराखंड में भारी मानसूनी बारिश से सड़कें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन से सड़कों  पर  मलबा आने से बंद हो गए हैं। प्रदेश में आठ राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 300 प्रमुख और ग्रामीण सड़कें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। मलबा आने से रोड्स को भारी नुकसान पहुंचा है।

लोक निर्माण विभाग (PWD), बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन (BRO) और ऑलवेदर रोड परियोजना में लगीं निर्माण एजेंसियां अपने-अपने कार्यक्षेत्र में मार्गों को खोलने में जुटी हैं।  लगातार बारिश के कारण मार्ग को पुनः सुचारु करना मुश्किल हो रहा है।

आपदा प्रबंधन परिचालन केंद्र से मिली सूचना के मुताबिक, सीमांत जिले पिथौरागढ़ में तवाघाट – सोबला, तवाघाट – पांग्ला और जौलजीबीमुनस्यारी सड़क बंद हैं। इन मार्गों को खोलने के प्रयास चल रहे हैं। भारी मलबा व चट्टानें आने से मार्गों को खोलने में कुछ समय लग सकता है।

इस समय ऋषिकेश से आने वाले वाहन टिहरी – मलेथा मार्ग से होकर गुजर रहा है। चमोली में बदरीनाथ एनएच 58 पिनौला गोविंदघाट में पीपलकोटी के पास सड़क पर मलबा आने से बंद है। सोनप्रयागगौरीकुंड पैदल मार्ग भी बरसात से अति संवेदनशील बना हुआ है, जिस कारण यात्रियों को केदारनाथ के जाने के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है।

भारी बारिश से राज्य के सैकड़ों गांव सड़कों से कट गए हैं। भारी बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आ जाने से मार्ग बंद हो गए हैं। दूरस्थल इलाकों में मार्ग खोलने में समय लग रहा है। लोक निर्माण विभाग के मुताबिक, प्रदेश में 300 बंद सड़कों में से 263 ग्रामीण सड़कें हैं। इन सड़कों को खोलने के लिए 211 मशीनें लगाई गई हैं।

इस समय आप उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जा रहे हैं तो अपने जनपदों के आपदा नियंत्रण केंद्र पर संपर्क कर रोड्स की जानकारी ले लें। उत्तराखंड में आपके जिले की वेबसाइट – www.<जनपद का नाम>.nic.in (उदाहरण के लिए अल्मोड़ा आपदा प्रबंधन से संपर्क करना हो तो, तो वेबसाइट का नाम www.almora.nic.in)

हर मानसून में उत्तराखंड की सड़कों का यही हाल होता है, और सड़कों को पुनः सही करने में सरकारी खजाने से करोडो रुपया खर्च होता है, 9 महीने  सरकारी मशीनरी सड़क दुरुस्त करती है और 3 महीने की बारिश में कई नए लैंड स्लाइड्स हो जाते हैं।

यह समय है विचारने का कि पहाड़ों में रोड निर्माण के लिए अलग प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए – भारी मशीन से चौड़ी सड़कों के निर्माण उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति के अनुकूल नहीं।

 


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