रोजमर्रा के FMCG प्रोडक्ट्स में छिपी जानकारी: स्वास्थ्य पर खतरे और कैसे रहें सतर्क
हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में FMCG (Fast Moving Consumer Goods) प्रोडक्ट्स जैसे खाने-पीने की चीजें, साबुन, शैंपू, क्रीम आदि का अहम रोल होता है। ये प्रोडक्ट्स हमें आसानी से उपलब्ध होते हैं और इनका उपयोग करने में हमे ज्यादा सोचने की ज़रूरत भी नहीं लगती। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन प्रोडक्ट्स पर दिए गए लेबल में छिपी जानकारियां आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं?
लेबल क्यों जरूरी है?
हर FMCG प्रोडक्ट के लेबल पर उसकी सामग्री यानी कि उसके अंदर क्या-क्या चीजें डाली गई हैं, उसका उल्लेख होता है। लेकिन अक्सर हम इन लेबल्स को ध्यान से नहीं पढ़ते, खासकर जब ये बहुत छोटे टेक्स्ट में होते हैं। कंपनियां अपने उत्पादों के विज्ञापन में बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन असली जानकारी लेबल पर छपी होती है, जो नज़रअंदाज हो जाती है।
प्रोडक्ट्स में कौन सी हानिकारक चीजें हो सकती हैं?
कुछ आम हानिकारक पदार्थ जो FMCG प्रोडक्ट्स में हो सकते हैं:
- प्रिज़र्वेटिव्स (Preservatives): ये रसायन प्रोडक्ट्स को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए डाले जाते हैं। उदाहरण के लिए, सोडियम बेंज़ोएट और पाराबेन। ये लंबे समय तक उपयोग करने से शरीर में जहरीले प्रभाव डाल सकते हैं।
- आर्टिफिशियल फ्लेवर्स और कलर (Artificial Flavours and Colors): कई बार आर्टिफिशियल फ्लेवर्स और रंगों का इस्तेमाल खाने-पीने की चीजों को आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है, जो कि हमारे पाचन तंत्र और त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- ट्रांस फैट (Trans Fat): यह एक तरह की फैट है, जो पैकेज्ड फूड में पाई जाती है और यह हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती है।
- शुगर और सोडियम की अत्यधिक मात्रा: पैकेज्ड फूड्स में अक्सर शुगर और सोडियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिससे मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
इनसे कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?
इन प्रोडक्ट्स का लंबे समय तक उपयोग करने से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे:
- हृदय रोग (Heart Diseases): ट्रांस फैट और सोडियम की अधिकता से हृदय की समस्याएं हो सकती हैं।
- मधुमेह (Diabetes): अत्यधिक शुगर के सेवन से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
- कैंसर (Cancer): कुछ प्रिज़र्वेटिव्स जैसे सोडियम नाइट्राइट के लगातार सेवन से कैंसर का खतरा हो सकता है।
- एलर्जी और त्वचा रोग: आर्टिफिशियल फ्लेवर्स और प्रिज़र्वेटिव्स के कारण त्वचा पर रैशेज या एलर्जी हो सकती है।
इनसे बचाव कैसे करें?
- लेबल पढ़ने की आदत डालें: कोई भी प्रोडक्ट खरीदते समय उसके लेबल को ध्यान से पढ़ें। यह जानें कि उसमें कौन-कौन सी सामग्री है और क्या वह आपके स्वास्थ्य के लिए सही है या नहीं।
- प्राकृतिक प्रोडक्ट्स चुनें: जहां तक हो सके, प्राकृतिक या ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता दें, जिनमें प्रिज़र्वेटिव्स और आर्टिफिशियल फ्लेवर्स कम हों।
- पैक्ड फूड्स कम करें: ताजे और घर के बने खाने को प्राथमिकता दें। पैकेज्ड फूड्स से बचें, खासकर अगर उसमें ट्रांस फैट, आर्टिफिशियल फ्लेवर्स या ज्यादा शुगर हो।
- विज्ञापनों पर भरोसा न करें: किसी भी प्रोडक्ट के विज्ञापन पर पूरी तरह से भरोसा न करें। अक्सर विज्ञापनों में सिर्फ अच्छे पहलुओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। असली जानकारी लेबल में छुपी होती है।
साथ ही अब तकनीक का प्रयोग कर आसानी से इन प्रोडक्ट में लिखे लेबल को एनालाइज कर आसानी से जान सकते है। इसमें चैटजीपीटी बहुत अच्छा काम कर रहा है, अगर आप चैटजीपीटी का उपयोग नहीं जानते तो इस लिंक पर क्लिक कर जान सकते है।
ChatGPT का उपयोग कर प्रोडक्ट्स की सामग्री कैसे जांचें?
छोटे टेक्स्ट में प्रोडक्ट की सामग्री को पढ़ना और उसे समझना कभी-कभी मुश्किल हो जाता है। इस समस्या से बचने के लिए आप ChatGPT जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप किसी भी प्रोडक्ट के लेबल का फोटो खींचकर उसे AI टूल्स में अपलोड कर सकते हैं और उसकी सामग्री के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- लेबल का फोटो खींचें: जिस प्रोडक्ट के बारे में आप जानना चाहते हैं, उसका लेबल साफ़-सुथरा फोटो खींचें।
- फोटो को अपलोड करें: ChatGPT या किसी अन्य AI टूल में इस फोटो को अपलोड करें।
- AI से जानकारी प्राप्त करें: ChatGPT लेबल में मौजूद सामग्री को पढ़कर उसका विश्लेषण करेगा और बताएगा कि उसमें कौन-कौन सी सामग्री है और क्या यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
रोजमर्रा की चीजों का इस्तेमाल करते समय हमें सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर FMCG प्रोडक्ट्स के लेबल को पढ़ने में। स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहना और सही प्रोडक्ट्स का चुनाव करना आज के समय की आवश्यकता है।
लेख के माध्यम से आशा है कि आप अपने स्वास्थ्य के प्रति और अधिक सतर्क होंगे और सही चुनाव करेंगे।
UttaraPedia.com के लिए, जागरूकता फैलाने और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाने का प्रयास।