कुछ समय से बीमार चल रहे हमारे “पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी” अब इस दुनिया में नहीं रहे, उनका निधन आज (सोमवार, 31 अगस्त 2020) को हो गया। उनके अब इस दुनिया में न रहना की जानकारी उनके पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने “twitter” पर दी। उनका इलाज दिल्ली केंट स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में चल रहा था, हॉस्पिटल की ओर से बताया गया था कि, फेफ़ड़ों में संक्रमण के कारण वे सेप्टिक शॉक में थे। उनकी उम्र 84 वर्ष थी और वे कोमा की स्थिति में लम्बे समय से थे। सेप्टिक शॉक की स्थिति में रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचना बंद ही जाती है, जिस कारणवश उन्हें वेंटिलेटर स्पोर्ट में रखा गया था। उन्हें दिल्ली स्थित सैन्य हॉस्पिटल में 10 अगस्त को भर्ती किया गया था। इससे पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी थी, हॉस्पिटल में भर्ती कराये जाने से पहले वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे जिसके बाद उन्हें सांस सम्बन्धी परेशानियाँ शुरू हो गयी, प्रणब मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति थे, उनका शासनकाल 2012 से 2017 तक रहा, मुखर्जी परिवार में उनके 2 पुत्र और 1 पुत्री हैं, 2012 में जब वे राष्ट्रपति बने तो सभी दलों में उनका सम्मान था, उनके राष्ट्रपति बनने में सभी दलों की सामान भूमिका थी।
“परन्तु आपको बता दें, की उनका एक अधूरा सपना भी है जो वे पूरा न कर पाए, उस सपने के बारे में उन्होंने अपनी पुस्तक “द कोलिशन इयर्स-1996-2012” में उन्होंने स्वयं स्वीकार किया है की वे प्रधानमंत्री बनना चाहते थे परन्तु उनके नसीब में राष्ट्रपति बनना लिखा था!