देहरादून में पॉलिथीन प्रयोग पर अब कटेगा चालान, जानिए किस तरह की पॉलिथीन है प्रतिबंधित, और कितना होगा चालान!
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पॉलीथिन का प्रयोग करना आज से पूरी प्रतिबंधित कर दिया गया है। पिछले वर्ष मार्च में लॉकडाउन के दौरान पॉलीथिन प्रयोग पर ढिलाई दी गई थी, परन्तु अब पॉलीथिन प्रयोग करने वालों पर कार्यवाही की जाएगी। स्टेट गवर्नमेंट ने इसके ऑर्डर जारी कर दिए हैं, इस हेतु नगर निगम की टीम अब एन्फोर्समेंट और छापेमारी की कार्रवाई करेगी।
नगर निगम हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारी कई दिनों से पॉलीथिन संबंधी राज्य सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे थे। असल में अब तक पॉलीथिन का चालान करने संबंधी कोई निश्चित नियम निर्धारित नहीं किये गये थे। ऐसे में किसी के खिलाफ कार्रवाई करना संभव नहीं हो पा रहा था। चालान न होने से नगर में काफी मात्रा में पॉलीथिन का प्रयोग किया जा रहा था, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचने के साथ साथ स्वच्छता सर्वेक्षण में भी रैंकिंग गिरने की भी संभावना बनी हुई थी।
प्रदेश सरकार की ओर से इस बार पॉलीथिन और थर्माकोल पूरी तरह से प्रतिबंध करने के साथ ही जुर्माना वसूल करने और इसके लिए नियम भी तय कर दिये गये हैं। इससे चालान की प्रक्रिया करने के साथ ही नगर से पॉलीथिन उन्मूलन का मार्ग भी साफ होगा। प्रदेश सरकार ने पॉलीथिन के प्रोडक्शन, ट्रांसपोर्टेशन, बिक्री और प्रयोग पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है।
इस प्रकार की पॉलीथिन, प्लास्टिक होगी प्रतिबंधित
- किसी भी आकार, रंग और मोटाई के हैंडल वाले या बिना हैंडल कैरी बैग।
- किसी भी आकार, प्रकार या रंग का सिंगल यूज प्लास्टिक।
- नॉन बोवन पॉली प्रोपाइलिन बैग।
- पब्लिक प्लेसेज में बैन प्लास्टिक का यूज नहीं।
- फूड काउंटर, सिनेमाघर, मॉल, होटल, रेस्तरां, कैफे सब जगह बैन।
- बोतलबंद पानी, कोल्ड ड्रिंक और प्लास्टिक पैकिंग वाले प्रोडक्ट्स के मामले में कंपनियों को लेना होगा प्लास्टिक वेस्ट वापस।
कितना होगा जुर्माना
- प्रोडक्शन 5 लाख रुपए,
- ट्रांसपोर्टेशन 2 लाख रुपए,
- सेल 1 लाख रुपए,
- पर्सनल यूज 100 रुपए,
- दोबारा पकड़े जाने पर 200 रुपए।
ये अधिकारी वसूलेंगे जुर्माना
- नगर आयुक्त या उनके द्वारा नामित अधिकारी, जो सेनेट्री सुपरटेंडेंट से नीचे की पोस्ट का न हो।
- डीएम या उनके द्वारा नामित अधिकारी, जो तहसीलदार पद से नीचे का न हो।
- क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या उनके द्वारा नामित अधिकारी, जो असिस्टेंट इजीनियर पद से नीचे का न हो।
- परिवहन आयुक्त या उनके द्वारा नामित अधिकारी, जो संयुक्त आयुक्त पद से नीचे का न हो।
- एसपी या उनके द्वारा नामित अधिकारी, जो दरोगा पद से नीचे का न हो।
डॉ0 कैलाश जोशी, सीनियर हेल्थ ऑफिसर, नगर निगम ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पॉलीथिन पूरी तरह बैन करने से देहरादून नगर निगम को काफी सहायता मिलेगी। इसका प्रभाव स्वच्छता सर्वेक्षण पर भी पड़ेगा। हम कल से ही इस बारे में कार्रवाई शुरू कर देंगे।
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