उत्तराखंड में कोरोना काल में बढ़ाए गए यात्री किरायों से आम जनता बहुत बेहाल है। लोगो को दुगना पैसा देकर छोटी- बड़ी दूरिया तय करनी पढ़ रही है। एक तो कोरोना काल में पहले से ही रोजगार की कमी, व गरीब जनता बहुत परेशान है।
अब यह बड़ा किराया लोगो को काफी परेशान कर रहा है। बड़े हुए किराये की वजह से कई अन्य बीमारियों के मरीज, जिन्हे मेडिकल जाँच के लिए महीनो में कई बार जिला अस्पतालों के चक्कर लगाने पढ़ते है वह भी घर से नहीं निकल पा रहे है उनके स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर हो रहा है।
निजी व सरकारी क्षेत्रों मैं कार्यरत कर्मिक जो रोज घर से कार्यालय बसों या टैक्सी से जाते है उन्हें भी अपने वेतन का ज्यादा हिस्सा किराये मैं ही देना पड़ रहा है। आपको बता दे यह किराया कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टैन्सिंग को बढ़ाने के लिए बढ़ाया गया था जिसमें बसों मैं दो सीट पर एक यात्री, छोटी गाड़ियों मैं केवल पांच सवारिया ही टैक्सी व बस चालको को ले जाने के आदेश थे।
लेकिन वर्तमान मैं टैक्सी चालक सवारिया तो पूरी सीटों पर ले जा रहे हैं परन्तु किराया दुगना वसूल रहे है। राज्य सरकार ने भी अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड में किराया 100% बड़ा दिया जो अन्य राज्यों में केवल 30 % या ज्यादा से ज्यादा 50% बढ़ाया गया है। राज्य सरकार ने भी अन्य राज्यों की तरह किराया बढ़ाना चाहिए था जिससे लोगो की जेब में बोझ कम पढ़ता।
उम्मीद करते है राज्य सरकार जल्द ही इन समस्याओं को संज्ञान में लेकर किरायों में थोड़ा ढील जनता को दे देगी। जिससे आम जनता अपने रोजमर्रा के काम आसानी से कर पाएगी।